वजीराबाद बैराज से यमुना में छोड़ा जाएगा पानी
व्रती मंगलवार को छठ महापर्व का पहला अर्घ्य डूबते सूर्य को देंगे, लेकिन यमुना नदी का जलस्तर कम होने से उसमें गंदगी साफ दिख रही है। यमुना का जलस्तर बढ़ाने के लिए वजीराबाद बैराज से पानी छोड़ा जाएगा। घाटों पर गंदगी होने से व्रतियों और पूर्वाचली समाज के लोगों में नाराजगी है। कई घाटों पर यमुना किनारे गंदगी पड़ी हुई है, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों का मानना था कि जलस्तर बढ़ने से गंदगी दूर हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली : व्रती मंगलवार को छठ महापर्व का पहला अर्घ्य डूबते सूर्य को
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली : व्रती मंगलवार को छठ महापर्व का पहला अर्घ्य डूबते सूर्य को देंगे, लेकिन यमुना नदी का जलस्तर कम होने से उसमें गंदगी साफ दिख रही है। यमुना का जलस्तर बढ़ाने के लिए वजीराबाद बैराज से पानी छोड़ा जाएगा। घाटों पर गंदगी होने से व्रतियों और पूर्वाचली समाज के लोगों में नाराजगी है। कई घाटों पर यमुना किनारे गंदगी पड़ी हुई है, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों का मानना था कि जलस्तर बढ़ने से गंदगी दूर हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
घाट पर जाने वाले श्रद्धालुओं ने बताया कि इस पर्व में पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है। नदी को स्वच्छता का प्रतीक माना जाता है। यमुना बहुत ज्यादा प्रदूषित है, उम्मीद थी सरकार यमुना का जलस्तर बढ़ाएगी। अधिकारी और नेता घाट पर तैयारियों का जायजा लेते रहे, लेकिन किसी ने भी जलस्तर की ओर ध्यान नहीं दिया। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारी ने बताया कि हरियाणा के हथनी कुंड बैराज से जिस मात्रा में पानी छोड़ा जाना था, उतना नहीं छोड़ा गया। तीन दिन में बैराज से आठ सौ क्यूसेक पानी प्रतिदिन छोड़ा गया है। अगर इस बैराज से पानी छोड़ा जाता है तो उसे दिल्ली तक आने में 36 घंटे का समय लगता है। यह कारण भी है कि दिल्ली में यमुना का जलस्तर नहीं बढ़ सका।
पूर्वी दिल्ली के अतिरिक्त जिलाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि यमुना के जलस्तर को बढ़ाने के लिए दिल्ली के वजीराबाद बैराज से एकहजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा, ओखला बैराज से पानी कम छोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि वजीराबाद से लेकर ओखला तक पानी तीन घंटे में पहुंच जाता है, इसलिए छठ पूजा पर यमुना का जलस्तर ठीक रहेगा।
संपादकीय