फरार विजय माल्या भगोड़ा घोषित
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली बैंकों के 9 हजार करोड़ रुपये लेकर भारत से फरार उद्योगपति वि
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : बैंकों के 9 हजार करोड़ रुपये लेकर भारत से फरार उद्योगपति विजय माल्या पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। पटियाला हाउस स्थित मुख्य महानगर दंडाधिकारी दीपक सारस्वत ने विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (एफइआरए) के नियमों का उल्लंघन करने के मामले में विजय माल्या को भगोड़ा घोषित कर दिया।
कोर्ट ने 4 नवंबर 2016 को विजय माल्या के खिलाफ पहले गैर जमानती वारंट जारी किया था। इसके बाद भी पेश न होने पर 12 अप्रैल 2017 को खुला गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। खुला गैर जमानत वारंट लागू करने की कोई समयसीमा नहीं होती। इसके बाद कोर्ट ने माल्या को 18 दिसंबर 2017 को कोर्ट में पेश होने का आखिरी मौका दिया था। विजय माल्या तब भी पेश नहीं हुए और न ही अपना प्रतिनिधि ही भेजा।
वकील ने बताया था, लौटना चाहते हैं माल्या
वर्तमान में लंदन में रह रहे माल्या ने 9 सितंबर 2017 को कोर्ट में अपने वकील के माध्यम से जानकारी दी थी कि वह भारत लौटना चाहते हैं, लेकिन भारत के अधिकारियों द्वारा पासपोर्ट रद किए जाने के कारण यात्रा करने में अक्षम हैं।
ईडी ने भी कई बार जारी किया था समन
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लंदन व वर्ष 1996, वर्ष 1997 और वर्ष 1998 के बीच यूरोपीय देशों में आयोजित फॉर्मूला वन वर्ल्ड चैम्पियनशिप के दौरान किंगफिशर का लोगो लगाने के लिए ब्रितानी फर्म को 2 लाख अमेरिकी डालर के कथित भुगतान के संबंध में समन जारी किया था। दावा किया गया था कि रुपये का भुगतान रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की अनुमति के बगैर किया गया था, जो एफईआरए के नियमों का उल्लंघन है। माल्या के खिलाफ अपनी याचिका पर ईडी ने किंगफिशर एयरलाइंस के चेयरमैन के खिलाफ भी गैर जमानती वारंट जारी किया था, ताकि न्यायिक प्रक्रिया में वह भी शामिल रहें। ईडी के अनुसार माल्या को 1995 में साइन किए गए एक संधि के मामले में चार बार समन जारी किया गया था लेकिन माल्या एक बार भी पेश नहीं हुए तो 8 मार्च 2000 को कोर्ट के सामने शिकायत की गई थी और उसके बाद एफइआरए के तहत आरोप पत्र लगाया गया था।