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PM नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र के हस्तकला उत्पाद की धमक देखेगी दुनिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र (वाराणसी) स्थित हैंडलूम इंडस्ट्री के उत्पादों को अब अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के जरिये देश-विदेश में पहुंचाया जाएगा। इसके लिए भारत सरकार के टेक्सटाइल मंत्रालय ने खासतौर पर फैशन शो के आयोजन की तैयारी की है।

By JP YadavEdited By: Published: Sun, 15 Nov 2015 11:28 AM (IST)Updated: Sun, 15 Nov 2015 11:51 AM (IST)
PM नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र के हस्तकला उत्पाद की धमक देखेगी दुनिया

नई दिल्ली (शैलेन्द्र सिंह)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र (वाराणसी) स्थित हैंडलूम इंडस्ट्री के उत्पादों को अब अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के जरिये देश-विदेश में पहुंचाया जाएगा। इसके लिए भारत सरकार के टेक्सटाइल मंत्रालय ने खासतौर पर फैशन शो के आयोजन की तैयारी की है।

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प्रगति मैदान में चल रहे 35वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में रविवार को हंसध्वनि थियेटर में इस शो का आयोजन किया जाएगा। व्यापार मेले में पहुंचे टेक्सटाइल मंत्रालय के सचिव डॉ.संजय कुमार पांडा ने बताया कि बनारस की हैंडलूम इंडस्ट्री किसी परिचय की मोहताज नहीं है, लेकिन लगातार इसके व इससे जुड़े कारीगरों के उत्थान के लिए मंत्रालय की ओर से प्रयास जारी है।

इस बार हमने खासतौर पर बनारस की हैंडलूम इंडस्ट्री से जुड़े कारीगरों के हुनर को फैशन शो के माध्यम से राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय वितरकों के बीच पहुंचाने की तैयारी की है।

उन्होंने कहा कि इसके पीछे की सोच यह है कि बनारस की कारीगरों को उनकी मेहनत का उचित मेहनताना मिले, जिससे की उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो सके।

टेक्सटाइल मंत्रालय के एक आलाधिकारी ने बताया कि रविवार रात आठ बजे से शुरू होने वाले फैशन शो का आयोजन फैशन डिजाइनिंग काउंसिल ऑफ इंडिया (एफडीसीआइ) के सहयोग से किया जा रहा है।

हमारी कोशिश है कि इस फैशन शो के जरिये न सिर्फ बनारसी साड़ी, बल्कि बनारस की हैंडलूम इंडस्ट्री से जुड़े लाखों कारीगरों के द्वारा तैयार विभिन्न परिधानों की चमक से मॉ इंडिया व विश्व को अवगत कराया जाए।

इस शो में खासतौर पर देशी-विदेशी वितरकों को आमंत्रित किया गया है ताकि वे इस इंडस्ट्री और इससे बने उत्पादों को विश्वभर में पहुंचाने के लिए प्रेरित हों। बताया जाता है कि फैशन शो में रैंप पर उतरने वाले मॉडल जो परिधान पहनेंगे वे बनारसी कारीगरों द्वारा तैयार किए गए होंगे।

मंत्रालय की कोशिश यही है कि जो भी उत्पाद रैंप पर प्रदर्शित हों, वे सीधे इंडस्ट्री से पहुंचें। हालांकि, कुछ स्तर पर प्रस्तुतीकरण के लिहाज से एफडीसीआइ को छूट दी गई।


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