उपहार कांड पीड़ितों ने अंसल बंधुओंं को छोड़े जाने पर जताया एतराज
उपहार कांड के पीड़ितों की एसोसिएशन की बैठक मेंं वर्ष 1997 मेंं हुए हादसे को याद कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हैरानी जताई गई।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। उपहार कांड के पीड़ितों की एसोसिएशन की बैठक मेंं वर्ष 1997 मेंं हुए हादसे को याद कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हैरानी जताई गई। एसोसिएशन ने कहा कि 59 जानोंं की कीमत अंसल बंधुओंं को केवल साठ करोड़ रुपये देनी पड़ी, मतलब कि कोई भी दमदार आदमी किसी की जान ले ले और उसकी कीमत एक करोड़ रुपये अदा कर सजा से मुक्त हो जाए।
उपहार सिनेमा के पास पार्क मेंं सोमवार को हुई बैठक मेंं एसोसिएशन अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति ने कहा कि हादसे को लेकर जिस तरह का फैसला आया, उससे परिजन हताश है। मामले मेंं पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसे सुनवाई के लिए स्वीकृत तो कर लिया लेकिन आज तक तारीख नहींं मिली।
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कृष्णमूर्ति ने कहा कि पीड़ित परिवार के लोग सदमे मेंं हैं। अंसल बंधुओंं को कड़ी सजा मिलनी चाहिए थी। दोनोंं भाइयोंं ने 9 नवंबर 2015 को 30-30 करोड़ रुपये जमा भी करा दिए हैं। दिल्ली सरकार ने रकम स्वीकृत कर ली है और इससे दिल्ली-एनसीआर मेंं ट्रामा सेंंटर बनाया जाएगा।