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सायराबानो को मिलेगी दूसरी जिंदगी, जीनत पर भी मेहरबान यूपी सरकार

गौतमबुद्ध नगर की जीनत और सायराबानो पर उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार मेहरबान हो गई है। एक तरफ जहां विकलांग जीनत आरा को प्रदेश सरकार ने शिक्षा का तोहफा दिया है, वही हाईटेंशन लाइन की चपेट में आई सायराबानो के इलाज का खर्च भी अखिलेश सरकार ही उठाएगी।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2015 02:27 PM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2015 03:11 PM (IST)

नोएडा। गौतमबुद्ध नगर की जीनत और सायराबानो पर उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार मेहरबान हो गई है। एक तरफ जहां विकलांग जीनत आरा को प्रदेश सरकार ने शिक्षा का तोहफा दिया है, वही हाईटेंशन लाइन की चपेट में आई सायराबानो के इलाज का खर्च भी अखिलेश सरकार ही उठाएगी।

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इसका एलान कुछ ही पहले स्थानीय प्रशासन की ओर से हुआ। प्रदेश सरकार विकलांग जीनत की पढ़ाई का पूरा खर्च रानी लक्ष्मीबाई राहत कोष से करेगी। कम आयु में जीनत रीयल फाइटर नाम की पुस्तक लिख चुकी है। उसने डीएम से मिलकर पढ़ाई आगे जारी रखने की इच्छा जताई थी।

प्रदेश सरकार से मिले पढ़ाई के तोहफे से जीनत काफी खुश है। नोएडा के सेक्टर 122 में रहने वाली जीनत आरा जन्म से विकलांग है। उसका पूरा वक्त व्हील चेयर पर गुजरता है, लेकिन पढ़ाई में उसकी बेहद दिलचस्पी है। उसने कम उम्र में ही रीयल फाइटर नाम से किताब लिखी है।

आर्थिक स्थिति आड़े आने की वजह से जीनत को बारहवीं के बाद आगे पढ़ाई जारी रखने में दिक्कत आ रही थी। उसने जिलाधिकारी एनपी सिंह से मिलकर पढ़ाई जारी रखने के लिए मदद मांगी थी। जीनत की पढ़ाई के प्रति लगन व उसके पुस्तक लेखन से जिलाधिकारी काफी प्रभावित हुए थे। उन्होंने जीनत को मदद का भरोसा दिया था।

उधर, यूपी सरकार की मेहरबानी से सायराबानों का उपचार कर उसे दूसरी जिंदगी देने का प्रयास शुरू हो गया है। प्रशासन ने सायराबानो को उपचार के लिए नोएडा के जेपी अस्पताल में भर्ती कराया है। डीएम एनपी सिंह भी अस्पताल पहुंचकर सायराबानो व उसके परिजन से मिले।

उन्होंने पूरी मदद का भरोसा दिया। डीएम के निर्देश पर साइराबानो के माता पिता व भाई का श्रमिक के रूप में पंजीकरण भी किया गया है। सायराबानों को सात दिसंबर को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने जाना है।

उल्लेखनीय है कि दनकौर के उस्मानपुर गांव की रहने वाली 12 वर्षीय साइराबानो के ऊपर पढ़ाई के दौरान बिजली की हाइटेंशन लाइन का तार गिर गया था। इससे वह गंभीर रूप से झुलस गई थी। उसका चेहरा काफी विकृत हो गया था। साइराबानो के माता पिता व भाई मजदूरी करते हैं।

आर्थिक रूप से कमजोर होने की वजह से वह किशोरी का उपचार नहीं करा पाए थे। मुरादनगर के एमएलसी आशु मलिक की पहल पर साइराबानो के उपचार की उम्मीद जगी थी। प्रदेश सरकार ने भी उसकी पूरी मदद का भरोसा दिया है।


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