पश्चिमी दिल्ली में बेसहारा पशुओं की समस्या से नहीं मिल रही निजात, वाहन चालक और स्थानीय लोग परेशान
पश्चिमी दिल्ली में बेसहारा पशुओं की समस्या लगातार बनी हुई है, जिससे वाहन चालक और स्थानीय लोग परेशान हैं। ये पशु हरियाली को नष्ट कर रहे हैं और सड़कों प ...और पढ़ें
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तमाम दावों के बावजूद बेसहारा पशुओं की समस्या ज्यों की त्यों बनी है।
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। तमाम दावों के बावजूद बेसहारा पशुओं की समस्या ज्यों की त्यों बनी है। बेसहारा पशुओं की समस्या एक ओर जहां वाहन चालकों के लिए परेशानी का कारण हैं वहीं कई जगह ये पशु हरियाली को नष्ट कर रहे हैं। इस मसले को क्षेत्र के लोग संबंधित जनप्रतिनिधियों व निगम अधिकारियों के समक्ष उठाते रहते हैं, बावजूद कुछ होता नजर नहीं आता है। उधर निगम अधिकारियों का इस मसले पर कहना है कि समस्या के समाधान की दिशा में प्रयास किया जा रहा है।
उपनगरी द्वारका हो, उत्तम नगर स्थित हस्तसाल निगम पार्क हो, जनकपुरी से गुजरने वाला पंखा रोड, लाल साईं मार्ग हो या विकासपुरी की रोड नंबर 236, बेसहारा पशु हर जगह घूमते नजर आते हैं। हस्तसाल में तो बेसहारा पशुओं के कारण कई लोगों ने पार्क से तौबा कर लिया है। इसी तरह की समस्या विकासपुरी इलाके में देखने को मिलती है। दोनों ही जगह चारदीवारी का दुरुस्त नहीं होना भी समस्या का कारण है।
उधर डाबड़ी, मंगलापुरी, नसीरपुर, ख्याला, उत्तम नगर, पंजाबी बाग, नांगलोई में यह समस्या पार्को में नहीं बल्कि सड़कों पर नजर आती है। यहां जगह जगह सड़क किनारे बने कूड़ा घरों (जहां कंपेक्टर मशीन लगे हैं) के आसपास बेसहारा पशुओं का झुंड आसानी से नजर आ जाता है। यह समस्या पंखा रोड व डाबड़ी चौराहा पर सबसे अधिक दिखाई देती है। कई बार स्थिति ऐसी हो जाती है कि पशुओं के कारण सड़क पर जाम लग जाता है। वहीं आए दिन वाहन चालक सड़कों पर इनकी चपेट में आकर दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं।
अवैध डेयरी बड़ा कारण
रिहायशी इलाकों में डेयरी को लेकर तमाम प्रकार के प्रतिबंध हैं। निगम समय समय पर इनपर कार्रवाई करता है। इस कार्रवाई से बचने के लिए डेयरी संचालक पशुओं को खाना खिलाने के बजाय उन्हें खुला छोड़ देते हैं। खाने की खोज में ये पशु या तो कूड़े के आसपास जुटते हैं या फिर हरियाली को चट करने लगते हैं। यदि डेयरी संचालक पशुओं का ध्यान रखें तो इससे समस्या काफी हद तक कम हो सकती है।
कूड़ा घर के आसपास समस्या गंभीर
पंखा रोड के किनारे जगह जगह कूड़ा घर बने हैं। आसपास की कालोनियों से यहां कूड़ा इकट्ठा कर फेंक दिया जाता है। कूड़े के ढेर को समय पर उठाया भी नहीं जाता। बिखरे हुए कूड़े के ढेर के पास खाने के लालच में बेसहारा पशु आ जाते हैं और देखते ही देखते इनकी संख्या काफी बढ़ जाती है। कई बार स्थिति ऐसी रहती है कि सड़क पर बेसहारा पशुओं का जमावड़ा लग जाता है। जिससे यातायात बाधित हो जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि एक तो बेसहारा पशुओं की समस्या दूसरी तरफ यहां पसरी गंदगी दोनों ही समस्याओं से लोग परेशान हैं। वहीं मंगलापुरी व नसीरपुर में समस्या का कारण सब्जी मंडी है। यहां दुकानदार बची हुई सब्जी सड़क पर फेंक देते हैं।
बेसहारा पशुओं की समस्या उत्तम नगर से लेकर उपनगरी द्वारका तक हर जगह दिखाई देती है। सुरक्षित यातायात की राह में सड़क पर घूम रहे बेसहारा पशु एक बड़ा खतरा हैं। - निर्मल, उत्तम नगर
द्वारका मोड़ आप सेक्टर 3 की ओर जाएंगे तो आपको सड़क किनारे दर्जनों बेसहारा पशु आसानी से नजर आएंगे। खासकर वहां जहां कूड़ा एकत्र करने के लिए कूडेदान रखे गए हैं। निगम को इस समस्या पर ध्यान देना चाहिए। - मुकुल, द्वारका मोड़

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