गैंगवार में छेनू पहलवान गिरोह के तीन शार्प शूटर गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली : उत्तर पूर्वी जिले में पिछले महीने गैंगवार में नासिर गिरोह के
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली : उत्तर पूर्वी जिले में पिछले महीने गैंगवार में नासिर गिरोह के दो बदमाशों की हत्या की पुलिस ने गुत्थी सुलझा ली है। शाहदरा जिले की कृष्णानगर पुलिस ने उत्तर प्रदेश के संभल से तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है। उनकी पहचान न्यू सीलमपुर निवासी मुमताज, लोनी गाजियाबाद निवासी राशिद उर्फ गोलू और कासगंज निवासी वसीम के रूप में हुई है। तीनों बदमाश छेनू पहलवान गिरोह के शार्प शूटर बताए जा रहे हैं।
पुलिस सूत्रों की मानें तो अप्रैल में नासिर गिरोह के बदमाशों ने इमरान और कमर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद छेनू पहलवान के इशारे पर ही 22 अक्टूबर को इन तीनों ने अपने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर जाफराबाद में पहले वाजिद व फिर तीन घंटे के अंतराल में भजनपुरा में आरिफ की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने आरोपियों के पास से एक होंडा जैज कार भी बरामद की है।
शाहदरा जिला पुलिस उपायुक्त नूपुर प्रसाद ने बताया कि जाफराबाद और भजनपुरा में हत्या के बाद 24 अक्टूबर को कृष्णानगर थाना क्षेत्र के पुराने सीलमपुर में जफर कुरैशी नामक युवक की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। तीनों वारदात में एक ही गिरोह के शामिल होने की आशंका थी, लेकिन जांच में पता चला कि जफर कुरैशी के मामले में अन्य गिरोह का हाथ है।
शाहदरा जिला पुलिस उपायुक्त नूपुर प्रसाद ने बताया कि जफर कुरैशी की हत्या से जुड़े बदमाशों के संभल में छिपे होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद थाना प्रभारी एमसी पांडेय, इंस्पेक्टर हरीश गाबा, एएसआइ नरेश कुमार आदि की टीम ने संभल पहुंचकर छापेमारी की और राशिद, मुमताज व वसीम को दबोच लिया। पूछताछ में पता चला कि इन तीनों का जफर कुरैशी हत्या मामले में हाथ नहीं था। पुलिस ने तीनों को कोर्ट में पेश किया, जहां से इन्हें उत्तर पूर्वी जिला पुलिस ने हिरासत में लिया।
भाई की हत्या का बदला लेने को वारदात की, मुमताज पर दर्ज हैं 14 केस
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक मुमताज पर हत्या, लूटपाट सहित अन्य मामलों के 14 मुकदमे दिल्ली में दर्ज हैं। वहीं राशिद पर आठ से अधिक मामले दर्ज हैं। मुमताज अप्रैल में मारे गए कमर का भाई है। साथ ही इस हत्याकांड का गवाह भी है। वह अपने भाई की मौत का बदला लेना चाहता था। इसके लिए अत्याधुनिक पिस्टल का इंतजाम किया, जिससे एक बार में 15 से अधिक गोलियां दागी जा सकती हैं। बदमाशों ने यामाहा एफजेड और अपाचे मोटरसाइकिल पर सवार होकर वारदात को अंजाम दिया और उत्तर प्रदेश में जाकर छिप गए। तीन नवंबर को उत्तर पूर्वी जिला पुलिस ने भी संभल में छापेमारी की थी, लेकिन सारे बदमाश वहां से फरार हो चुके थे।
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साजिश में तीन गिरफ्तार, पर नाम नहीं बताया
भले ही गैंगवार के मुख्य आरोपी अब पकड़े गए हों, लेकिन उत्तर पूर्वी जिला पुलिस ने इस हत्याकांड की साजिश रचने के आरोप में तीन लोगों को कुछ दिन पहले गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि पुलिस अब भी उनका नाम सार्वजनिक नहीं कर रही है।