Terror Funding Case: पटियाला हाउस कोर्ट ने आतंकी यासीन मलिक को दिया दोषी करार, 25 मई को सुनाएगी सजा
Yasin Malik Terror Funding Case अदालत ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) अधिकारियों को जुर्माना की राशि निर्धारित करने के लिए मलिक की वित्तीय स्थिति का आकलन करने का निर्देश दिया।साथ ही मलिक को अपनी संपत्ति को लेकर हलफनामा दाखिल को कहा है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Yasin Malik Terror Funding Case दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने बृहस्पतिवार को टेरर फंडिंग मामले में आतंकी यासीन मलिक को दोषी करार दे दिया। पटियाला हाउस स्थित एनआइए विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने मलिक को दोषी करार देते हुए कहा कि अदालत सजा पर 25 मई को सजा सुनाएगी। अदालत ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) अधिकारियों को जुर्माना की राशि निर्धारित करने के लिए मलिक की वित्तीय स्थिति का आकलन करने का निर्देश दिया। साथ ही मलिक को अपनी संपत्ति को लेकर हलफनामा दाखिल को कहा है।
दस मई को टेरर फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के सभी आरोपों को मलिक ने स्वीकार कर लिया था। मलिक ने अदालत से कहा था कि वह उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों का सामना नहीं करना चाहता है। मलिक को यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी अधिनियम), 17 (आतंकवादी अधिनियम के लिए धन जुटाना), 18 (आतंकवादी कृत्य करने की साजिश) और 20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होना) और धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), धारा 121 (राष्ट्र के विरुद्ध युद्धोन्माद फैलाना) एवं आईपीसी की धारा 124-ए (देशद्रोह) का आरोप तय किया गया था।
इन आतंकियों पर भी तय हो चुके हैं आरोप
अदालत ने इससे पहले फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसर्रत आलम, मोहम्मद यूसुफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीन कलवाल , बशीर अहमद भट, जहूर अहमद शाह वटाली, शब्बीर अहमद शाह, अब्दुल राशिद शेख और नवल किशोर कपूर सहित कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय किए थे। इसके अलावा लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ भी आरोप पत्र दायर किया गया था जिन्हे मामले में भगोड़ा घोषित किया गया है।
वर्ष 2017 से तिहाड़ जेल में बंद है मलिक
गृह मंत्रालय के निर्देश पर एनआइए ने 30 मई 2017 को यासीन मलिक के खिलाफ मामला दर्ज कर गया था। एनआइए ने मलिक को 22 फरवरी 2019 की रात में गिरफ्तार किया था।इसके बाद से मलिक तिहाड़ जेल में बंद है।
इन धाराओं में यह है सजा का प्रविधान
भारतीय दंड संहिता (आइपीसी)
120 बी - जुर्माना और अधिकतम छह माह की सजा
121 अधिकतम मृत्युदंड या आजीवन कारावास
121ए अधिकतम उम्रकैद
यूएपीए की धारा
13 अधिकतम पांच वर्ष की सजा और जुर्माना
16- मृत्युदंड या आजीवन कारावास
17 कम से कम पांच साल की सजा और अधिकतम आजीवन कारावास
18 कम से कम पांच साल की सजा और अधिकतम आजीवन कारावास
20 जुर्माना और अधिकतम आजीवन कारावास
38 जुर्माना और अधिकतम दस साल की सजा
39 जुर्माना और अधिकतम दस साल की सजा
40 जुर्माना और अधिकतम चौदह साल की सजा