आतंकी फंडिंग मामले में आरोप पत्र दाखिल, हाफिज सईद समेत 12 के नाम
- राष्ट्रीय जाच एजेंसी (एनआइए) ने पटियाला हाउस कोर्ट में दायर किया 12794 पेज का आरोप पत्र
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
आतंकी फंडिंग मामले में राष्ट्रीय जाच एजेंसी (एनआइए) ने बृहस्पतिवार को पटियाला हाउस कोर्ट में 12 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। एनआइए के आरोप पत्र में लश्कर-ए-तैयबा सरगना व मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद के अलावा हिजबुल मुजाहिदीन सरगना सैयद सलाहुद्दीन समेत 12 कश्मीरी अलगाववादियों के नाम हैं। पटियाला हाउस कोर्ट ने आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के लिए 30 जनवरी की तारीख तय की है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश तरुण सारस्वत की कोर्ट में 1,279 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल करने के साथ ही एनआइए ने कोर्ट से जाच जारी रखने की अनुमति मांगी। जांच एजेंसी ने हाफिज सईद व सैयद सलाहुद्दीन समेत 12 कश्मीरी अलगाववादियों पर देश के खिलाफ आतंकी गतिविधि चलाने, साजिश रचने और गैरकानूनी गतिविधि में लिप्त रहने की धारा में आरोप पत्र दाखिल किया है। आरोप पत्र में हाफिज सईद व सैयद सलाहुद्दीन के अलावा आरोप पत्र में हुर्रियत नेता सैयद शह गिलानी का दामाद अल्ताफ अहमद शाह, गिलानी निजी सहायक बशीर अहमद भट, हुर्रियत कांफ्रेंस मीडिया एडवाइजर आफताब अहमद शाह,्र अलगाववादी नईम अहमद खान, जम्मू कश्मीर लिब्ररेशन फ्रंट चेयरमैन फारुख अहमद डार, गिलानी गुट के हुर्रियत कांफ्रेंस के मीडिया एडवाइजर मोहम्मद अकबर खांडे, तहरीक ए हुर्रियत के राजा मेहराजुद्दीन कलवाल, हवाला कारोबारी अहमद शाह वटल और दो पत्थरबार कमरान युरूफ व जावेद अहमद भट का भी नाम है। जांच एजेंसी के अनुसार मामले में 30 मई 2017 को रिपोर्ट दर्ज की गई थी और 24 जुलाई 2017 को मामले में नामी व्यवसायी जहूर अहम वाताली के रूप में पहली गिरफ्तारी की गई थी। जहूर अहमद पर हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद हुई हिंसा के दौरान केस दर्ज किया गया था।
जांच अधिकारियों ने कोर्ट में कहा कि जांच के दौरान 60 स्थानों पर छापे मारे गए और 950 दस्तावेजों को जब्त कर लिया गया। इसमें से 600 इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस हैं। केस में 300 गवाह हैं। जांच एजेंसी ने बताया कि दस्तावेजों व इलेक्ट्रॉनिक डिवाइज के परीक्षण से पता चला कि अलगाववादी नेता, आतंकी व पत्थर फेंकने वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों और ¨हसा को बढ़ावा दे रहे थे, जो कि सुनियोजित आपराधिक साजिश है। जांच एजेंसी ने यह भी कहा कि पूरा षड्यंत्र सीमा पार पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के समर्थन से रचा गया था। इनकी मंशा भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना था। एनआइए ने कहा कि हाफिज सईद और सलाहुद्दीन हवाला के रास्ते पैसा भेज कर घाटी में आतंकवाद को बढ़ावा देने का काम कर रहे थे।