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देश की पहली अत्याधुनिक टेलीप्रजेंस सुविधा शुरू

आत्याधुनिक सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में दिल्ली हाई कोर्ट ने बृहस्पतिवार को कदम आगे बढ़ाते हुए देश की पहली टेलीप्रजेंस सुविधा का शुभारंभ किया। हाई कोर्ट के जजेज लाउंज में इसका उद्घाटन करते हुए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर ने कहा कि तकनीकी की दिशा में दिल्ली हाई कोर्ट ने बेहतरीन काम किया है। उन्होंने कहा कि यह न्यायिक

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Apr 2019 10:35 PM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2019 10:35 PM (IST)
देश की पहली अत्याधुनिक टेलीप्रजेंस सुविधा शुरू
देश की पहली अत्याधुनिक टेलीप्रजेंस सुविधा शुरू

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : अत्याधुनिक सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने बृहस्पतिवार को देश की पहली टेलीप्रजेंस सुविधा का शुभारंभ किया। हाई कोर्ट के जजेज लाउंज में इसका उद्घाटन करते हुए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर ने कहा कि तकनीक की दिशा में दिल्ली हाई कोर्ट ने बेहतरीन काम किया है। उन्होंने कहा कि यह न्यायिक प्रक्रिया में बड़ा बदलाव लाएगा और न्याय व्यवस्था की गुणवत्ता को बढ़ाएगा।

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उन्होंने कहा कि वर्ष 2002 में दिल्ली हाई कोर्ट में कंप्यूटरीकरण किए जाने के दौरान कई कर्मचारियों ने इससे काम बढ़ने की बात की थी, लेकिन कुछ ही हफ्तों में कर्मचारियों ने महसूस किया कि उनका काम आसान हुआ है। उन्होंने कहा कि तकनीक के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट अग्रणी रहा है। वहीं, मुख्य न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन ने कहा कि इसके माध्यम से लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। इसके लिए काम करने वाले सभी न्यायिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उन्होंने शुभकामनाएं दीं। न्यायमूर्ति राजीव शकधर एवं न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा हाईकोर्ट के सूचना तकनीकी कमेटी के मुखिया हैं। इस अवसर पर न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट, न्यायमूर्ति एस मुरलीधर, न्यायमूर्ति ज्योति सिंह, न्यायमूर्ति रेखा पल्ली, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति एके सिकरी आदि के अलावा दिल्ली बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कीर्ति उप्पल व कई अधिवक्ता मौजूद थे।

क्या है टेलीप्रजेंस सुविधा

दिल्ली हाई कोर्ट ने खुद को टेलीप्रजेंस व्यवस्था को जोड़ा है। इसके जरिये एक साथ अलग-अलग जगह पर मौजूद 20 लोगों को एकसाथ जोड़ा जा सकता है। यह उन सभी को आमने-सामने बैठे होने का आभास दिलाएगा। इसके जरिये अब हाई कोर्ट दूरदराज इलाकों की अदालतों के साथ बैठक कर सकेगी। साथ ही दस्तावेजों का इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से आदान-प्रदान भी हो सकेगा। इसका उपयोग आई-फोन, डेस्कटॉप, लैपटाप, टैबलेट, मोबाइल आदि के जरिये किया जा सकता है। ऐसे करेगा काम

एक-दूसरे से जुड़ने के लिए ईमेल के जरिये इसका लिक भेजा जाएगा। इस लिक को अपने मोबाइल, लैपटॉप या टैबलेट पर कनेक्ट करते ही सभी आपस में जुड़ जाएंगे। इस सुविधा का लाभ पूर्वनियोजित तरीके से भी उठाया जा सकता है। जरूरत होने पर तत्काल इस सेवा के जरिये अन्य अदालत या व्यक्ति से कनेक्ट किया जा सकेगा।


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