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ताज मानसिंह पर टाटा समूह का नियंत्रण बरकरार

नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) ने लुटियंस दिल्ली के पांच सितारा होटल ताजमान सिंह की नीलामी को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया। ई-नीलामी के जरिये ताज मानसिंह का नियंत्रण टाटा समूह ने बरकरार रखा है। अब इसे 33 वर्ष के लिए टाटा समूह को पट्टें पर दिया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Sep 2018 09:42 PM (IST)Updated: Fri, 28 Sep 2018 09:42 PM (IST)
ताज मानसिंह पर टाटा समूह का नियंत्रण बरकरार

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) ने लुटियंस दिल्ली के पांच सितारा होटल ताजमान सिंह की नीलामी को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया। ई-नीलामी के जरिये ताज मानसिंह का नियंत्रण टाटा समूह ने बरकरार रखा है। अब इसे 33 वर्ष के लिए टाटा समूह को पट्टें पर दिया जाएगा।

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एनडीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को हुई ई-नीलामी में इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (आइएचसीएल) के अलावा आइटीसी ने भी हिस्सा लिया था। एनडीएमसी के अधिकारी के अनुसार, टाटा समूह की इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (आइएचसीएल) ने जीएसटी समेत 7.03 करोड़ रुपये की मासिक लाइसेंस फीस अथवा होटल से होने वाली सकल आय के 32.50 फीसद की शर्त पर होटल का नियंत्रण बरकरार रखा है। एनडीएमसी को इससे पहले कंपनी लाइसेंस शुल्क के तौर पर प्रति माह 3.94 करोड़ रुपये का भुगतान कर रही थी। इससे पहले एनडीएमसी दो बार इस होटल की नीलामी करने में सफल नहीं हो पाई थी। पिछली बार बोली में केवल दो ही प्रतिभागी आए थे। इस कारण एनडीएमसी ने इसकी नीलामी के नियमों में भी ढील दी थी। वर्ष 1978 में ताज मानसिंह होटल टाटा समूह को 33 साल के पट्टे पर दिया गया था, जो 2011 में समाप्त हो गया था। इसके बाद एनडीएमसी ने नौ बार इसका विस्तार भी किया था। एनडीएमसी और कंपनी के बीच जारी कानूनी मुकदमे की वजह से इस होटल की नीलामी टलती जा रही थी। नीलामी का किया गया सीधा प्रसारण

नीलामी की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए एनडीएमसी ने इसका सीधा प्रसारण किया। एनडीएमसी मुख्यालय के पालिका केंद्र पर लगी डिजीटल एलईडी स्क्रीन पर इसका सीधा प्रसारण किया गया। यही प्रसारण कनॉट प्लेस और खान मार्केट में लगी एलईडी स्क्रीन पर किया गया।

वर्जन

हम इस बात से उत्साहित हैं कि राष्ट्रीय राजधानी के सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक संरचना का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा ताजमहल आइएचसीएल परिवार का हिस्सा बना रहा। हम होटल में निवेश करने और इसे भारतीय आतिथ्य की नयी ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए तैयार हैं।

- पुनीत चटवाल, प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, आइएचसीएल ताज महल होटल

-मुंबई के ताज महल होटल की आधारशिला 1898 में रखी गई थी और मेहमानों के लिए यह 16 दिसंबर 1902 को खुला। यह मुंबई की पहली ऐसी इमारत थी जिसमें बिजली थी। पहले दिन 17 मेहमान होटल में रुके थे। यह होटल भी टाटा समूह का है।

-तब इसके सिंगल रूम का किराया दस रुपये और पंखे व अटैच्ड बाथरूम वाले कमरों का किराया 13 रुपये था।

-मुंबई स्थित होटल ताज के निर्माण की कहानी काफी रोचक है। कहा जाता है कि एक बार रतन टाटा के पिता जमशेद जी टाटा ब्रिटेन घूमने गए तो वहा एक होटल में उन्हें भारतीय होने के कारण रूम नहीं दिया गया।

- जमशेद जी टाटा ने ठाना कि ऐसे होटलों का निर्माण करेंगे, जिन्हें हिंदुस्तान ही नहीं, पूरी दुनिया के लोग हसरत से देखेंगे।

- ताज महल पैलेस होटल को गेटवे ऑफ इंडिया (31 मार्च 1911) से भी पहले 1903 में बनाया गया था।

- गेटवे ऑफ इंडिया बनने से पहले बांबे पोर्ट आने वाले जहाजों के लिए रास्ता दिखाने का काम करता था।

-प्रथम विश्व युद्ध के दौरान इसे 600 बेड वाले अस्पताल में बदल दिया गया था। इस होटल ने 26/11 आतंकी हमला अपने ऊपर झेल चुका है।

-होटल ताज देश का पहला होटल था जिसे बार (हार्बर बार) और दिन भर चलने वाले रेस्तरां का लाइसेंस मिला था। 1972 में देश की पहली 24 घटे खुली रहने वाली कॉफी शॉप यहीं थी।

- यह देश का पहला होटल था, जिसमें इंटरनेशनल स्तर का डिस्कोथेक था। जर्मन एलीवेटर्स लगाए गए थे। तुर्किश बाथ टब और अमेरिकन कंपनी के पंखे लगाए गए थे।

- यह देश का पहला ऐसा होटल था, जिसमें अंग्रेज बटलर थे। शुरुआती चार दशकों तक होटल का किचन फ्रांसीसी शेफ ही चलाते थे।

- आर्किटेक्ट सीताराम खाडेराव वैद्य और डीएन मिर्जा ने होटल का डिजाइन बनाया। सीताराम की मृत्यु के बाद अंग्रेज आर्किटेक्ट डब्ल्यू ए चैंबर्स ने इसे पूरा करवाया।


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