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पंजाब में इंदिरा गांधी की प्रतिमा लगाना सिखों के साथ नाइंसाफी : सुखबीर बादल

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि सिखों का कत्लेआ

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Nov 2017 08:40 PM (IST)Updated: Wed, 01 Nov 2017 08:40 PM (IST)
पंजाब में इंदिरा गांधी की प्रतिमा लगाना  सिखों के साथ नाइंसाफी : सुखबीर बादल
पंजाब में इंदिरा गांधी की प्रतिमा लगाना सिखों के साथ नाइंसाफी : सुखबीर बादल

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि सिखों का कत्लेआम किसने, क्यों तथा किसके इशारे पर किया था, यह सभी जानते हैं। कातिलों को बड़े पद देने वाली काग्रेस पंजाब में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाधी की प्रतिमा लगाकर सिखों के साथ नाइंसाफी कर रही है। सरकारों ने हमें मारे गए सिखों की याद में स्मारक बनाने के लिए कोई स्थान नहीं दिया। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) ने काग्रेस द्वारा अवरोध खड़ा करने के बावजूद गुरुद्वारा रकाबगंज परिसर में स्मारक 'सच की दीवार' का निर्माण कराया। सुखबीर सिंह बादल 1984 के सिख विरोधी दंगों में मारे गए लोगों की याद में 'सच की दीवार' पर आयोजित अरदास समागम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कमेटी को यहां पर रोजाना सिखों की हत्या की जानकारी देने वाला लाइट एंड साउंड शो करने का सुझाव दिया।

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कमेटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने कहा कि यदि सिखों को इंसाफ मिल गया होता तो देश में गोधरा काड या ऐसे अन्य दंगे नहीं होते। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार सिखों को इंसाफ नहीं दिला सकी तो सिख कभी माफ नहीं करेंगे। कमेटी के महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने पीड़ित सिखों को फ्लैट का मालिकाना हक देने और कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ नांगलोई थाने में 1992 में दर्ज एफआइआर की चार्जशीट अदालत में पेश करने की मांग की। उनके इस प्रस्ताव को संगत ने सर्वसम्मति से पास किया। ऑल इंडिया इमाम संगठन के मुख्य इमाम उमर अहमद इलियासी ने सिखों को इंसाफ की लड़ाई जारी रखने की सलाह दी। पश्चिमी दिल्ली के सासद प्रवेश वर्मा ने दंगा पीड़ित परिवारों की कॉलोनियों के विकास के लिए अपनी सासद निधि से ढाई करोड़ रुपये देने की घोषणा की। इस अवसर पर अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार जसबीर सिंह रोडे, राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींढसा, पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के पूर्व कुलपति डॉ. जसपाल सिंह, पूर्व राज्यसभा सदस्य त्रिलोचन सिंह आदि मौजूद थे।


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