11 मई को हुई थी एसआरबी की बैठक, 25 को जारी हुए थे रिहाई के आदेश
जेसिका लाल हत्याकांड के दोषी मनु शर्मा की रिहाई भले ही सोमवार को हुई हो लेकिन इसे लेकर निर्णय पिछले माह ही हो गया था। दिल्ली सरकार के अधीन सेंटेंस रिव्यू बोर्ड (एसआरबी) की बैठक 11 मई को हुई थी जिसमें 37 कैदियों को समय पूर्व रिहा करने का प्रस्ताव रखा गया था। इसमें से 22 को रिहा करने पर सहमति बनी।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : जेसिका लाल हत्याकांड के दोषी मनु शर्मा की रिहाई भले ही सोमवार को हुई हो, लेकिन इसे लेकर निर्णय पिछले माह ही हो गया था। दिल्ली सरकार के अधीन सेंटेंस रिव्यू बोर्ड (एसआरबी) की बैठक 11 मई को हुई थी, जिसमें 37 कैदियों को समय पूर्व रिहा करने का प्रस्ताव रखा गया था। इसमें से 22 को रिहा करने पर सहमति बनी। हालांकि 21 मई को दिल्ली सरकार के गृह विभाग की ओर से उपराज्यपाल अनिल बैजल को मनु शर्मा सहित 19 कैदियों की रिहाई की सिफारिश भेजी गई, जिसे उपराज्यपाल ने कानूनी प्रावधानों के तहत स्वीकृति दे दी। इसके बाद 25 मई को गृह विभाग की ओर से तिहाड़ जेल प्रशासन को इस बाबत लिखित आदेश जारी कर दिए गए।
मंगलवार देर शाम राजनिवास की ओर से इस संबंध में एक वक्तव्य भी जारी किया गया। वक्तव्य में कहा गया कि एसआरबी की गाइडलाइंस के अनुसार, 14 साल की सजा काटने के बाद कोई भी कैदी समय पूर्व रिहाई के लिए आवेदन कर सकता है। साथ ही यह भी कहा गया कि तमाम कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए ही उपराज्यपाल ने उस आदेश को अपनी स्वीकृति दी, जिसे दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन की स्वीकृति के बाद उनके पास भेजा गया था। मालूम हो कि एसआरबी के अध्यक्ष भी गृह मंत्री ही हैं। दरअसल, एसआरबी जिन 14 मानकों को रिहाई के लिए उचित मानता है, मनु शर्मा उन सभी 14 मापदंडों को पूरा करता है। यहां तक कि जेल एवं कल्याण अधिकारी की तरफ से भी जेल में उसके आचरण को लेकर सकारात्मक रिपोर्ट दी गई थी।