बाल संसद में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार का प्रस्ताव पारित
की नेता कमलजीत सहरावत ने कहा कि छात्रों के साथ साथ हमें अध्यापकों को भी प्रशंसा करनी होगी कि उन्होंने छात्रों को इस बाल संसद के लिए इतनी बेहतर तैयारी कराई। इस मंच के माध्यम से आज छात्रों को एक नवीन अनुभव मिला है जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा। पढ़ाई के अलावा भी ऐसे आयोजनों से छात्रों को नये नये अनुभव प्राप्त होते है। शिक्षा समिति की अध्यक्ष नंदिनी शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में छात्र संसद के आयोजन की
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की ओर से बृहस्पतिवार को पहली बार बाल संसद का आयोजन किया गया। इसमें निगम स्कूलों की कक्षा तीसरी से पांचवीं तक के बच्चों ने प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष के साथ ही मंत्रिमंडल के सदस्यों की भूमिकाएं निभाई। निगम के हर जोन के 25 छात्रों को प्रतिभाग करने का मौका मिला। बाल संसद में छात्रों ने सतर्कता, स्वच्छता और बाल मजदूरी से जुड़े मुद्दों पर बहस की। सदन में निगम स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार का प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित किया गया।
शिक्षा समिति की अध्यक्ष नंदिनी शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में छात्र संसद के आयोजन की अपील की थी। उसी से प्रेरित होकर निगम ने इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की और फिर इसका आयोजन किया। छात्र संसद की कार्यवाही दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के महापौर नरेंद्र चावला, स्थायी समिति की अध्यक्ष शिखा रॉय और नेता सदन कमलजीत सहरावत आदि की देखरेख में पूरी की गई। सभी ने एक स्वर से उम्र के हिसाब से बच्चों की राजनीतिक सूझबूझ की तारीफ की।
बाल संसद में बाल मजदूरी निषेध प्रस्ताव पेश किया गया। इस पर बच्चों ने अपनी राय रखी। प्रतिपक्ष ने देश में बाल मजदूरी पर रोक नहीं लगने पर सत्ता पक्ष की मंशा पर सवाल खड़े किए। इस पर सत्ता पक्ष की तरफ से जवाब दिया गया कि बाल मजदूरी को रोकने के लिए कानून है लेकिन यह भी जरूरी है कि इसको लेकर हर नागरिक जागरूक हो और लोग 14 वर्ष से कम उम्र के बालकों को काम पर न रखें। इतना ही नहीं, अगर कोई ऐसा करता दिखे तो 1098 पर कॉल भी कर सकते हैं।
सदन में सुहानी ने प्रधानमंत्री का किरदार निभाया, जिसकी सराहना हुई। इसके अलावा अन्य बच्चों ने भी सराहनीय भूमिका निभाई। बाल संसद के साथ ही निगम के बाल सदन की कार्यवाही में भी बच्चों ने भाग लिया। इसमें छात्र स्वयं ने महापौर की भूमिका अदा की। बेहतर तरीके से भूमिकाएं निभाने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी किया गया।
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इन्होंने ये कहा
निगम में पहली बार ऐसे अनूठे कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें छात्रों ने जनप्रतिनिधियों का किरदार निभाया। इससे छात्रों को राजनीति, सरकार, संसद, निगम की कार्य प्रणाली की जानकारी मिलेगी। बाल संसद की कार्यवाही में भाग लेकर छात्र राजनीतिक रूप से और अधिक जागरूक होंगे।
- नरेंद्र चावला, महापौर ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन हमें निगम के चारों जोनों के सभी स्कूलों में करना चाहिए। हमारे निगम के विद्यालय दिल्ली के किसी भी निजी स्कूलों से कम नहीं हैं। इस आयोजन में बच्चों की प्रतिभा भी झलकी। अब यह साबित हो गया है कि आने वाले समय में हमारे स्कूलों में भी दाखिले के लिए होड़ लगेगी।
- शिखा रॉय, अध्यक्ष, स्थायी समिति छात्रों ने बेहतर प्रस्तुति दी। हमें उन अध्यापकों की भी प्रशंसा करनी होगी कि जिन्होंने छोटे बच्चों की बाल संसद के लिए इतनी बेहतर तैयारी कराई। इस मंच के माध्यम से आज छात्रों को नवीन अनुभव मिला है, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा। पढ़ाई के अलावा इस तरह के आयोजन छात्रों के लिए जरूरी हैं।
- कमलजीत सहरावत, नेता सदन