अब बिजली चालित डलावघरों में मशीनों से तैयार होगा ठोस कचरा
संजय सलिल, बाहरी दिल्ली राजधानी में रोजाना लोगों के घरों से निकलने वाले कूड़े के निस्तार
संजय सलिल, बाहरी दिल्ली
राजधानी में रोजाना लोगों के घरों से निकलने वाले कूड़े के निस्तारण में लैंडफिल साइटों की कमी को देखते हुए अब उत्तरी दिल्ली नगर निगम की ओर से बिजली चालित कूड़ा घरों का निर्माण शुरू किया गया है, जहां मशीनों के जरिये के कूड़े का निस्तारण कर उनके कचरे का खाद व ईट आदि बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। सिविल लाइंस जोन के झड़ौदा वार्ड की बंगाली कॉलोनी में ऐसे ही एक कूड़ा घर का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। इसमें रोजाना करीब 35 मीट्रिक टन कूड़े का मशीनों के माध्यम से निस्तारण होगा। पार्षद रेखा सिन्हा के मुताबिक इसके लिए इस कूड़ा घर में दो पोर्टेबल कांपैक्टर मशीनें लगाई गई हैं। दोनों ही मशीनें बिजली से चलेंगी।
एक मशीन में करीब 15 से 17 मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण कर उनका वेस्ट तैयार किया जा सकता है। इसके लिए मशीन में दो प्लेट लगी हैं, जिनमें एक में गीला व दूसरे में सूखा कूड़ा डाला जाएगा और मशीनों के माध्यम से कुछ ही देर में उनका सॉलिड वेस्ट तैयार हो जाएगा। वेस्ट से बवाना स्थित नगर निगम के प्लांट में खाद व ईट आदि तैयार किए जाएंगे। नगर निगम के सूत्रों के अनुसार एक मशीन की कीमत करीब 40 लाख रुपये है।
लैंडफिल साइट का विकल्प
राजधानी में कूड़े को डंप करने के लिए लैंडफिल साइटों की कमी एक बड़ी समस्या है। कूड़े के पहाड़ का रूले चुके भलस्वा लैंफिल साइट की मियाद पूरी हो चुकी है। ऐसे में नए ैलैंडफिल साइट बनाने में कई तरह की परेशानियां आ रही हैं। रानीखेड़ा, बवाना व टीकरी खामपुर आदि जगहों पर नगर निगम की ओर से नए लैंडफिल साइट बनाने के लिए जगह चिह्नित की गई और वहां पूर्वी व उत्तरी दिल्ली के कूड़े को डालने का काम शुरू भी किया गया, लेकिन आसपास के गांवों व कॉलोनियों के लोगों के भारी विरोध के कारण तत्काल कूड़ा डालने पर रोक लगानी पड़ी। ऐसी स्थिति में बिजली चालित कूड़ा घर लैंडफिल साइट के विकल्प बन सकते हैं, क्योंकि साधारण कूड़ा घरों से कचरे को उठाकर लैंडफिल साइट पर डाला जाता है, जबकि बिजलीचालित कूड़ा घर में सॉलिड वेस्ट तैयार कर उन्हें लैंडफिल साइटों के बदले सीधे प्लांट में भेज दिया जाएगा।
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झड़ौदा में बिजली चालित कूड़ा घर का शुभारंभ 23 जुलाई को क्षेत्र के सांसद मनोज तिवारी व उत्तरी दिल्ली के महापौर आदेश गुप्ता करेंगे।
सिविल लाइन जोन का यह पहला कूड़ा घर होगा। इसके निर्माण से अब डलाव घर के आगे सड़क पर कूड़े बिखरे नहीं मिलेंगे। स्वच्छता के लिहाज से यह बड़ा कार्य है। कूड़ा घर की देखरेख की जिम्मेदारी निजी कंपनी को सौंपी गई है।
रेखा सिन्हा, पार्षद, झड़ौदा वार्ड।