औपचारिकताओं में उलझी सिरसपुर में मेट्रो स्टेशन बनाने की योजना
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली : सिरसपुर में मेट्रो स्टेशन बनाने की योजना चार साल से सरकार
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली :
सिरसपुर में मेट्रो स्टेशन बनाने की योजना चार साल से सरकारी औपचारिकताओं के भंवर में फंस कर रह गई है। हुडा सिटी सेंटर से समयपुर बादली तक के मेट्रो रूट का विस्तार कर सिरसपुर में मेट्रो स्टेशन बनाया जाना है। इसके लिए सितंबर 2014 में दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) की ओर से दिल्ली सरकार व केंद्र के शहरी विकास मंत्रालय को प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर भेज दी गई थी। इसके बाद शहरी विकास मंत्रालय की ओर से योजना के लिए सैद्धांतिक मंजूरी देकर आगे की औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए डीएमआरसी को कहा गया था। ऐसे में डीएमआरसी की ओर से दिल्ली सरकार को योजना के लिए वित्तीय सहित अन्य औपचारिकताओं की मंजूरी के लिए कई बार पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन अब तक डीएमआरसी को इसके लिए सरकार की मंजूरी का इंतजार करना पड़ रहा है। नतीजतन, यह योजना अधर में लटकी हुई है। ऐसे में रविवार को इलाके के लोगों ने प्रदर्शन किया।
इलाके के लोग वर्ष 2014 से ही सिरसपुर में मेट्रो स्टेशन बनाने की मांग करते आ रहे हैं। इसके लिए उन्होंने कई महीने तक सिरसपुर में निर्माणाधीन मेट्रो डिपो के पास धरना भी दिया था। इसके बाद जनप्रतिनिधियों ने आश्वासन दिया था कि जल्द मेट्रो स्टेशन का निर्माण कराया जाएगा।
इस दिशा में डीएमआरसी की ओर से पहल भी शुरू कर दी गई और इस आशय का प्रस्ताव तैयार कर दिल्ली सरकार को भेजा भी गया।
इस बारे में कई साल से सरकारी विभागों से पत्राचार व आरटीआइ लगाने वाले दिल्ली विकास समिति के अध्यक्ष हरपाल ¨सह राणा ने बताया कि उन्हें 20 सितंबर को डीएमआरसी के जन परिवाद अधिकारी का पत्र मिला है, जिसमें यहा कहा गया है कि सिरसपुर में मेट्रो स्टेशन बनाने की योजना की व्यवहार्यता रिपोर्ट दिल्ली सरकार के पास भेजी गई है, जो सरकार के पास विचाराधीन है।
उन्होंने बताया कि डीएमआरसी से लगातार पत्राचार से उन्हें जानकारी मिली है कि वर्ष 2014 से लेकर अब तक तक शहरी विकास मंत्रालय व डीएमआरसी दिल्ली सरकार को कई बार योजना की मंजूरी देने के बावत निवदेन कर चुकी है, लेकिन अब तक इसे मंजूरी नहीं दी गई है।
उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर ग्रामीण हाल के दिनों में मुख्यमंत्री से भी मिल चुके हैं। उनका कहना है कि राजनीतिक कारणों से इस योजना को अब तक मंजूरी नहीं मिल सकी है, जिससे सिरसपुर व आसपास के गांवों व कालोनियों की बड़ी आबादी को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।