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कृत्रिम तालाबों में होगा मां दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन

जागरण संवाददाता नई दिल्ली यमुना में प्रदूषण और कोरोना के मद्देनजर यमुना में मूर्ति विसर्जन पर

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 02:18 AM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 02:18 AM (IST)
कृत्रिम तालाबों में होगा मां दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: यमुना में प्रदूषण और कोरोना के मद्देनजर यमुना में मूर्ति विसर्जन पर प्रतिबंध लगा हुआ है। ऐसे में पूजा समितियों ने मां दुर्गा की मूर्ति के विसर्जन के लिए कृत्रिम तालाब बनाए हैं। आराम बाग पूजा समिति और मिटो रोड पूजा समिति ने बताया कि ईको फ्रेंडली मूर्ति है, जिसे एक पार्क में बने कृत्रिम तालाब में प्रवाहित किया जाएगा। विसर्जन में कोरोना नियमों का ध्यान रखा जाएगा। वहीं, गलियों में प्राण प्रतिष्ठित मूर्तियों के विसर्जन को लेकर भक्त असमंजस में हैं। कई आयोजक टब में भी मूर्ति विसर्जन की व्यवस्था कर रहे हैं।

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पूर्ण टीका वाली महिलाएं ही सिदूर खेला उत्सव में लेंगी भाग मिटो रोड पूजा समिति के अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार की सुबह महिलाएं सिदूर खेला उत्सव खेलेंगी। इसमें सीमित संख्या में वही महिलाएं शामिल होगी, जिनका पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। वहीं, आरामबाग पूजा समिति के उपाध्यक्ष शंकर चक्रवर्ती ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए महिलाएं प्रतीकात्मक तौर पर ही सिदूर खेला खेलेंगी। यह दिन सबसे महत्वपूर्ण होता है। मां दुर्गा की विदाई में सीमित लोग ही शामिल होंगे।

खास है सिदूर खेला इसमें पान के पत्तों को मां के गाल को स्पर्श किया जाता है और फिर सिदूर खेला में सुहागन महिलाएं मां दुर्गा को सिदूर लगाती हैं। विदाई के समय मां को भोग लगाया जाता है और पकवान चढ़ाए जाते हैं। इस रस्म से महिलाएं दुर्गा मां को विदाई देती हैं। जिस तरह से होली पर अबीर या गुलाल लगाते हैं उसी तरह पंडालों में महिलाएं पूरे धूमधाम से सिदूर खेला करती हैं।


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