संसदीय सचिव मुद्दे पर हार मानने को तैयार नहीं आप, SC जाने की भी तैयारी!
संसदीय सचिव मुद्दे पर आप के 21 विधायक आज चुनाव आयोग जाएंगे। वहीं राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ पार्टी सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में भी है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। आम आदमी पार्टी (AAP) के 21 विधायकों के संसदीय सचिव बनाने पर राष्ट्रपति कार्यालय से झटका खाने के बाद भी केजरीवाल सरकार हार मानने को तैयार नहीं है। बताया जा रहा है कि बिल को मंजूरी न मिलने के बाद आम आदमी पार्टी की आपात बैठक हुई। बैठक में बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी न मिलने के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया गया। वहीं ये सभी 21 विधायक आज चुनाव आयोग जाएंगे। वहीं राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ पार्टी सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में भी है।
यहां पर याद दिला दें कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली सरकार के उस बिल को मंजूरी देने से मना कर दिया है, जिसमें AAP के 21 विधायकों के संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद से अलग करने का प्रस्ताव था।
इससे पहले कल इस मामले पर आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र केजरीवाल सरकार की राह में रोड़ा अटका रहा है। मोदी सरकार का नारा है, ना काम करूंगा और ना करने दूंगा। दिल्ली सरकार के 17 बिलों को केंद्र सरकार ने पास नहीं होने दिया। देशभर में संसदीय सचिव बनाना वैध है तो दिल्ली में क्यों नहीं। देश के कई राज्यों में संसदीय सचिव हैं।
ऑफिस ऑफ प्रॉफिट की श्रेणी में आया पद
आप सरकार ने 2015 में दोबारा सरकार गठन के बाद अपने 21 विधायकों को संसदीय सचिव का पद दिया था, लेकिन वह ऑफ़िस ऑफ़ प्रॉफ़िट की श्रेणी में आ गया, जिस पर विपक्ष ने काफ़ी सवाल उठाए, जिसके बाद केजरीवाल सरकार अपने विधायकों को बचाने के लिए संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद से दूर रखने के लिए एक बिल लेकर आई, जिसे कल राष्ट्रपति ने मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया।