निलंबित करने के फैसले को एससीबीए सचिव ने दी चुनौती
निलंबित करने के फैसले पर हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन व बीसीआइ से जवाब मांगा है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के सचिव अशोक अरोड़ा के निलंबन को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने एससीबीए व बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआइ) से जवाब मांगा है। एससीबीए की कार्यकारी समिति ने आठ मई को अरोड़ा को निलंबित करने का प्रस्ताव पारित किया था। अरोड़ा ने एसोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे को हटाने के एजेंडे पर विचार के लिए वकीलों की आकस्मिक आम बैठक (ईजीएम) बुलाई थी। इसी बैठक के बाद अरोड़ा को निलंबित किया गया।
कार्यकारी समिति ने उस ईजीएम को रद कर दिया और अरोड़ा पर लगे आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया। एससीबीए की कार्यकारी समिति के प्रस्ताव पर रोक लगाने की मांग को लेकर दायर आवेदन पर वीडियो कान्फ्रेंसिग के माध्यम से सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की पीठ ने नोटिस जारी किया है। पीठ ने एससीबीए को तीन सप्ताह के अंदर आवेदन पर जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई 6 अगस्त के लिए स्थगित कर दी। अशोक अरोड़ा ने एससीबीए के प्रस्ताव को रद करने व शून्य घोषित करने की मांग की। उन्होंने यह भी मांग की कि बीसीआइ को निर्देश दिया जाए कि उसके द्वारा 10 मई को जारी किया गया प्रस्ताव लागू हो। बीसीआइ ने 10 मई को अरोड़ा को निलंबित करने के एससीबीए के 8 मई के फैसले पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी।
एससीबीए की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में अरोड़ा ने याचिका दायर की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश का प्रति अदालत के समक्ष पेश नहीं की गई है। इस पर अरोड़ा के वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश की प्रति एक दिन के अंदर दाखिल कर दी जाएगी।