सज्जन कुमार का दफ्तर बंद, घर पर भी पसरा रहा सन्नाटा
सिख विरोधी दंगे के मामले में दोषी कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से उम्र कैद की सजा सुनाए जाने के दूसरे दिन मंगलवार को मादीपुर इलाके के पश्चिमपुरी स्थित उनका दफ्तर पूरी तरह से बंद रहा।
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली :
सिख विरोधी दंगे में दोषी करार दिए गए कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को दिल्ली हाईकोर्ट से उम्र कैद सुनाए जाने के दूसरे दिन मंगलवार को मादीपुर इलाके के पश्चिमपुरी स्थित उनका दफ्तर बंद रहा। आमतौर पर यह दफ्तर सुबह नौ बजे तक खुल जाता था। सजा सुनाने के दिन सोमवार सुबह भी यह दफ्तर पहले की तरह खुला और सुबह लोगों की फरियाद सुनने सज्जन कुमार पहुंचे भी। लेकिन, मंगलवार को ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला।
आसपास के लोगों ने बताया कि आज यह दफ्तर सुबह से बंद है और यहां कोई कर्मचारी नहीं पहुंचा। दफ्तर के आसपास भी सन्नाटा पसरा रहा। दफ्तर के बगल में दुकान चलाने वाले भाग्यचंद ने बताया कि सज्जन कुमार पहले इसी मकान में परिवार के साथ रहते थे, बाद में यहां से चले गए। इस मकान को उन्होंने दफ्तर का रूप दे दिया था। वह पिछले कई सालों से यहां सोमवार व शुक्रवार को आते रहे हैं। मंगलवार सुबह कई लोग यहां पहुंचे, लेकिन उन्हें निराश लौटना पड़ा।
वहीं, मियांवली नगर स्थित उनके आवास पर भी मंगलवार को सन्नाटा पसरा रहा। यहां अन्य दिनों की तरह कोई गहमागहमी नहीं दिखाई दी। उनके घर के बाहर बने पिकेट के अंदर दो सशस्त्र सुरक्षा कर्मी तैनात दिखे। हालांकि, दोपहर में उनके घर के अंदर कुछ लोगों को आते जाते जरूर देखा गया। इनमें एक दो महिलाएं उनके पड़ोस की थीं तो कुछ लोग कार से आए थे और कुछ देर के बाद लौट गए। सज्जन कुमार की सजा के बारे में आसपास रहने वाले लोग भी कुछ बोलने को तैयार नहीं थे।