नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण की तैयारियों के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश भैया जी जोशी ने कहा कि मंदिर निर्माण, आंदोलन का आरंभ है, अंत नहीं। यह भारत के नये युग की शुरुआत है। इसे महज मंदिर भर मानना भी उचित नहीं है। यह राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक है। यह सैकड़ों सालों की गुलामी की मानसिकता की बेड़ियों को तोड़ते हुए करोड़ों हिंदुओं में ऊर्जा भरेगा और आदर्शों की प्रेरणा देने वाला केंद्र बनेगा।
वेबिनार के द्वारा कई रामभक्तों से हुए मुखातिब
वह अशोक सिंघल फाउंडेशन द्वारा आयोजित वेबिनार में सैकड़ों रामभक्तों से मुखातिब थे। उन्होंने कहा कि यहां से पूरा विश्व एक नए भारत को देखेगा। हम विस्तारवादी सोच के लोग नहीं हैं। हम विश्व बंधुत्व व मानव कल्याण की बात करने वाले लोग हैं। पर यह दुर्बल नहीं, बल्कि शक्तिशाली व दायित्व का निर्वहन करने वाला भारत ही कर सकेगा। जो आसुरी शक्तियों से संघर्ष करते हुए पूरे विश्व को शांति का चिंतन देगा।
राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक
उन्होंने कहा कि जो-जो भी आक्रांता आएं अपने चिन्ह छोड़कर गए। आक्रांताओं के नाम से मार्ग, उनके बनाए स्मारक और उनकी प्रतिमाओं को देखकर वेदना होती है कि क्या यहीं स्थिति रहेगी। आक्रांताओं के साथ संघर्ष करते हुए पराजित होते रहेंगे। अयोध्या में भी खड़ा ढांचा इसी बात का स्मरण करा रहा था कि तुम पराजित हो। ढांचा हटना और उस स्थान पर राम मंदिर का निर्माण राष्ट्रीय दृष्टिकोण में राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक है। आने वाली सैकड़ों पीढ़ियों को यह उर्जा प्रदान करता रहेगा।
राम ने शान में मार्यादा रखी थींं
स्वर्गीय अशोक सिंघल के नेतृत्व में यह एक चरण पूरा हुआ। यह प्रारंभ है। मानव स्वरूप में जन्म लेकर राम ने हर रिश्तें और शासन में मर्यादा रखी। अपने जीवन से आदर्श स्वरूप प्रस्तुत किए। सही रूप में यह मंदिर सब प्रकार से आदर्शों की प्रेरणा देने का केंद्र करेगा। इस मौके पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि वर्तमान नेतृत्व में देश अंतरराष्ट्रीय पटल पर प्रभावी भूमिका में आया है और देश के लोग इसे लेकर आश्वस्त है।