..तो कौन बोल रहे हैं झूठ: डीसीपी या एसडीएम!
संजय सलिल, बाहरी दिल्ली बुराड़ी विधानसभा क्षेत्र में खेती की जमीन पर बड़े पैमाने पर चले रहे
संजय सलिल, बाहरी दिल्ली
बुराड़ी विधानसभा क्षेत्र में खेती की जमीन पर बड़े पैमाने पर चले रहे अवैध निर्माण के मामले में एक तथ्य सामने आया है, जो न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि यह भू-माफिया व बिल्डरों से अधिकारियों की साठ-गांठ की भी पोल खोल रहा है। यह तथ्य सूचना के अधिकार के तहत दी गई जानकारी से सामने आया है। जिसमें दिल्ली पुलिस अवैध निर्माण की सूचना दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के अधिकारियों व नगर निगम को देने की बात कह रही है तो सरकार के अधिकारी ऐसी किसी सूचना से साफ इन्कार कर रहे हैं।
दरसअल बुराड़ी वार्ड के कौशिक एंक्लेव ए -ब्लाक में ऑस्कर पब्लिक स्कूल के सामने कृषि भूमि पर अवैध रूप से कॉलोनी काटी जा रही है। आवेदक ने इस बारे में दिल्ली पुलिस से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी कि इस अवैध निर्माण के खिलाफ पुलिस की ओर से क्या सिविल लाइंस के एसडीएम और उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सिविल लाइंस जोन के उपायुक्त (डीसी) को सूचना दी गई। आवेदक ने सूचना देने की तिथि, बुराड़ी थाने में इससे संबंधित दर्ज की डीडी इंट्री संख्या आदि की जानकारी मांगी थी।
आवेदक के इन सवालों के जबाव में उत्तरी जिले के अतिरक्त पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) सह जन सूचना अधिकारी हरेंद्र कुमार ने स्पष्ट रूप से बताया कि उक्त अवैध निर्माण के बारे में बुराड़ी थाने की ओर से दिनांक 15 मई 2017 को सिविल लाइंस के एसडीएम, एमसीडी को भेजी गई है व इस अवैध निर्माण के बारे में थाने में भी डीडी संख्या 59 -बी दर्ज की गई है।
एसडीएम ने किया इन्कार
आवेदक ने यही सवाल सिविल लाइंस के एसडीएम से आरटीआइ के तहत पूछा। जिसमें उन्होंने यह सवाल किया कि क्या बुराड़ी थाने की ओर से उक्त अवैध निर्माण के बारे में जानकारी दी गई है तो उनके दफ्तर के सहायक जन सूचना अधिकारी सह तहसीलदार ने बताया कि इस तरह की कोई सूचना उपलब्ध नहीं है। ऐसे में बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया कि आखिर मामले में कोई सच बोल रहे हैं- दिल्ली पुलिस के अधिकारी या दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के अधिकारी।
निगम ने दिया गोलमोल जवाब
इस मामले में सिविल लाइंस जोन की ओर से गोलमोल जवाब दिया गया। जवाब में पहले यह तो बताया कि पूछे गए सवाल ही स्पष्ट नहीं हैं क्योंकि उसमें जगह के बारे में नहीं बताया गया है। हालांकि यह भी कहा कि आवेदन कार्यालय में आकर संबंधित रिकार्ड का निरीक्षण कर सकता है।