नहीं करना होगा इंतजार, भर्ती से पहले मिलेगा इलाज
कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं को देखते हुए दिल्ली में पहली बार रैपिड रिस्पांस सेंटर की शुरुआत की गई है। ताहिरपुर स्थित राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में शुरू हुए इस सेंटर का स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने उद्घाटन किया। इस सेंटर में 30 बेड की व्यवस्था की गई है।
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली :
कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं को देखते हुए दिल्ली में पहली बार रैपिड रिस्पांस सेंटर की शुरुआत की गई है। ताहिरपुर स्थित राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में शुरू हुए इस सेंटर का स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने उद्घाटन किया। इस सेंटर में 30 बेड की व्यवस्था की गई है। अस्पताल में पहुंचते ही कोरोना मरीज को सबसे पहले यहीं पर इलाज मिलना शुरू हो जाएगा। भर्ती की प्रक्रिया पूरी होने के बाद यहां से मरीज को वार्ड या आइसीयू में भेजा जाएगा।
इस मौके पर सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा स्थापित अपनी तरह का यह पहला रैपिड रिस्पांस सेंटर है। यहां एंबुलेंस से पहुंचे मरीज को इलाज के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इससे पहले यह मरीजों के लिए सिर्फ इंतजार कक्ष था। हालांकि, आक्सीजन की सुविधा यहां भी दी जा रही थी। लेकिन अब इसे और उन्नत कर दिया गया है। सेंटर में आइसीयू बेड की सुविधा है। साथ ही वेंटिलेटर भी उपलब्ध हैं। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने और कोरोना से संबंधित दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील करते हुए कहा कि हमें अमेरिका और ब्रिटेन में अभी जो कुछ हो रहा है, उससे सीखना चाहिए। वहां कोरोना के मामले अचानक बढ़ गए हैं। इस प्रकार हमें अपने सुरक्षा उपायों को तब तक नहीं छोड़ना चाहिए, जब तक केस पूरी तरह से खत्म न हों। कोई भी लापरवाही आपदा का कारण बन सकती है। उद्घाटन कार्यक्रम के बाद सत्येंद्र जैन ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली सरकार विभिन्न अस्पतालों में ऐसे और सेंटर स्थापित करेगी। उद्घाटन कार्यक्रम में विधायक सौरभ भारद्वाज, अस्पताल के निदेशक डा. बीएल शेरवाल, कोरोना मामलों के नोडल अधिकारी डा. अजीत जैन और डा. विकास डोगरा आदि मौजूद रहे। राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में एडवांस मेडिकल रिकार्ड विभाग भी तैयार किया गया है। सत्येंद्र जैन ने इसका भी उद्घाटन किया। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक इस विभाग में मरीजों की फाइलें लंबी अवधि तक रह सकती हैं। इसके लिए यहां विशेष प्रकार के इंतजाम किए गए हैं।
ऐसे काम करेगा रैपिड रिस्पांस सेंटर
रैपिड रिस्पांस सेंटर को दो भागों में बांटा गया है। ट्राइज और क्रिटिकल एरिया। ट्राइज एरिया में सात बेड हैं। अस्पताल में मरीज के पहुंचते ही उसे पहले इसी एरिया में रखा जाएगा। अगर मरीज की हालत गंभीर है तो उसे क्रिटिकल एरिया में भेजा जाएगा, जहां 23 बेड हैं। इन बेड के साथ ट्रांसपोर्टेबल (कहीं भी लाने-ले जाने में सक्षम) वेंटिलेटर लगाए गए हैं। भर्ती की प्रक्रिया पूरी होने के बाद वेंटिलेटर के साथ ही मरीज को कोरोना वार्ड के आइसीयू में ले जाया जाएगा। यहां डाक्टरों की टीम चौबीस घंटे तैनात रहेगी।