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DDCA जांच आयोग के प्रमुख सुब्रमण्यम पर SC के वकील ने लगाए गंभीर आरोप

DDCA जांच आयोग अध्यक्ष गोपाल सुब्रमण्यम पर खुद ही सवाल खड़े हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के वकील का कहना है कि ‘अगर वे सुप्रीम कोर्ट के जज बन जाते तो यह देश के लिए एक काला दिन होता।'

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 07 Jan 2016 08:35 AM (IST)Updated: Thu, 07 Jan 2016 08:50 AM (IST)

नई दिल्ली। दिल्ली और जिला क्रिकेट समिति (डीडीसीए) में भारी गड़बड़ियों का आरोप लगाकर आप सरकार ने जिस जांच आयोग का गठन किया है, उसके अध्यक्ष गोपाल सुब्रमण्यम पर खुद ही सवाल खड़े हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के वकील अजय कुमार अग्रवाल ने उन पर पेशेवर कदाचार का आरोप लगाया है।

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अग्रवाल ने प्रेसवार्ता कर सुब्रमण्यम पर न सिर्फ आरोप लगाए, बल्कि बार काउंसिल को इन आरोपों पर कार्रवाई नहीं करने के लिए कानूनी नोटिस भी भेज दिया है। उन्होंने कहा कि बोफोर्स मामले के आरोपी विन चड्ढा की ओर से सुब्रमण्यम दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में पेश हो चुके हैं।

इसके बाद वर्ष 2004 में अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल नियुक्त कर दिए जाने के बाद इसी मामले में वे सीबीआइ की ओर से भी पेश हुए। अग्रवाल ने कहा कि यह बहुत हैरानी की बात है कि विन चड्ढ़ा के डिफेंस काउंसिल इसी मामले में सह अभियुक्त के प्रोसिक्यूशन काउंसिल बन गए।

इसी तरह अग्रवाल ने सुब्रमण्यम पर सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने का आरोप भी लगाया। अग्रवाल ने कहा कि वे इन सभी मामलों में लगातार शिकायत करते रहे हैं। वर्ष 2010 में उन्होंने बार काउंसिल से भी इसकी शिकायत की थी।

अब तक इस पर काउंसिल ने कोई कार्रवाई नहीं की और इस बीच सुब्रमण्यम दो साल के लिए इसके अध्यक्ष भी बन गए। मगर बुधवार को उन्होंने इस देरी पर काउंसिल को कानूनी नोटिस भेज कर एक महीने के अंदर शिकायत पर कार्रवाई करने को कहा है।

उधर, लगातार कोशिश के बावजूद सुब्रमण्यम इस बारे में अपना पक्ष रखने के लिए उपलब्ध नहीं हो सके। अग्रवाल ने दिल्ली सरकार की ओर से उनकी अध्यक्षता में गठित जांच आयोग को भी अवैधानिक बताया है। उन्होंने कहा कि डीडीसीए कंपनी के तौर पर रजिस्टर्ड है, इसलिए इसकी जांच दिल्ली सरकार के अधीन नहीं है।

यहां तक कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने अब तक इसे मंजूरी भी नहीं दी है। इसके बावजूद सुब्रमण्यम ने पुलिस अधिकारियों के लिए सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) को पत्र लिख दिया। अग्रवाल ने कहा कि सुब्रहमण्यम ने सिर्फ चर्चा पाने के लिए एनएसए को पत्र लिखा है।

वर्ना यह तो सभी को पता है कि एनएसए का काम राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर सलाह देना है। उन्होंने कहा कि सुब्रमण्यम सुप्रीम कोर्ट के जज इसलिए नहीं बन पाए थे, क्योंकि आइबी ने इनके खिलाफ रिपोर्ट दी थी। अग्रवाल ने कहा, ‘अगर वे सुप्रीम कोर्ट के जज बन जाते तो यह देश के लिए एक काला दिन होता।'


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