अस्पताल में मरीज की मौत पर परिजनों ने किया हंगामा
पटपडगंज स्थित मैक्स अस्पताल में बृहस्पतिवार 31 वर्षीय युवक की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों ने इलाज में लापरवाही के साथ आरोप लगाया कि मरीज को भर्ती करने के साथ ही अस्पताल प्रशासन ने ढाई लाख रुपये जमा कराने के लिए उन पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था। इसमें से कुछ रकम जमा करा दी गई। अस्पताल ने मरीज की मौत के बाद पूरी रकम जमा कराने के लिए कहा। ऐसा न करने पर शव देने से इंकार कर दिया गया। इसी वजह से परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। बाद में पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया। जीटीबी अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। परिजनों की शिकायत पर मधु विहार पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली : पटपडगंज स्थित मैक्स अस्पताल में बृहस्पतिवार को 31 वर्षीय युवक की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। इसके साथ ही मरीज को भर्ती करने के साथ ही अस्पताल प्रशासन ने ढाई लाख रुपये जमा कराने के लिए उन पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था। इसमें से कुछ रकम जमा करा दी गई। अस्पताल ने मरीज की मौत के बाद पूरी रकम जमा कराने के लिए कहा। ऐसा न करने पर शव देने से इन्कार कर दिया गया। इसी वजह से परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। बाद में पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया। जीटीबी अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। परिजनों की शिकायत पर मधु विहार पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के मुताबिक 22 जून को सोनिया विहार निवासी सुनील पांडेय को खुरेजी स्थित उनके वर्कशॉप में एक गिरगिट ने काट लिया। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने इलाज के बाद छुट्टी दे दी। बुधवार को फिर तबियत बिगड़ने पर उन्हें मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया। उनका कहना है कि भर्ती करने के तुरंत बाद अस्पताल के डॉक्टर सुनील के परिजनों से ढाई लाख रुपये जमा कराने का दबाव बनाने लगे। परिजनों का कहना है कि उन्होंने किसी तरह एक लाख 30 हजार रुपये जमा करा दिए। शेष पैसे अगले दिन जमा कराने का वादा किया, लेकिन बृहस्पतिवार की सुबह 5 बजे सुनील की इलाज के दौरान मौत हो गई है। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने उन्हें सुनील की बीमारी के बारे में कुछ नहीं बताया। अस्पताल का कहना है कि सुनील को दिल का दौरा पड़ा था। साथ ही लिवर और किडनी में भी समस्या थी। इस वजह से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। बृहस्पतिवार सुबह उन्हें फिर से दिल का दौरा पड़ा और इन्हें बचाया नहीं जा सका। मरीज की पूरी स्थिति परिजनों को बता दी गई थी। हालांकि पैसे मांगने और शव नहीं देने के मामले में अस्पताल ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।