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निर्माण कार्य व सार्वजनिक परिवहन की कमी से द्वारका हो रही प्रदूषित

हरियाली के बीच द्वारका में प्रदूषण का रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचना विकास एजेंसियों की लापरवाही को साफ-साफ बयां कर रहा है। अंधाधुंध निर्माण कार्य, कूड़े के निस्तारण में बरती जा रही लापरवाही व सार्वजनिक परिवहन का अभाव द्वारका को प्रदूषित करने में मुख्य भूमिका निभा रहा है। जहरीली होती हवा से परेशान लोगों ने दिल्ली सरकार, दिल्ली विकास प्राधिकरण के साथ ही दक्षिणी दिल्ली नगर निगम तक अपनी गुहार लगाई, विरोध में सड़क पर भी उतरे, लेकिन इसका असर अधिकारियों पर नहीं हुआ।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Oct 2018 07:30 PM (IST)Updated: Tue, 23 Oct 2018 07:30 PM (IST)
निर्माण कार्य व सार्वजनिक परिवहन की कमी से द्वारका हो रही प्रदूषित
निर्माण कार्य व सार्वजनिक परिवहन की कमी से द्वारका हो रही प्रदूषित

फोटो संख्या 23 यूटीएम 11 भगवान झा, पश्चिमी दिल्ली :

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हरियाली के बीच द्वारका में प्रदूषण का रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचना विकास एजेंसियों की लापरवाही को साफ-साफ बयां कर रहा है। अंधाधुंध निर्माण कार्य, कूड़े के निस्तारण में बरती जा रही लापरवाही व सार्वजनिक परिवहन का अभाव द्वारका को प्रदूषित करने में मुख्य भूमिका निभा रहा है। जहरीली होती हवा से परेशान लोगों ने दिल्ली सरकार, दिल्ली विकास प्राधिकरण के साथ ही दक्षिणी दिल्ली नगर निगम तक अपनी गुहार लगाई, विरोध में सड़क पर भी उतरे, लेकिन इसका असर अधिकारियों पर नहीं हुआ।

निर्माण कार्य से बढ़ रहा प्रदूषण

द्वारका इलाके में निर्माण कार्य बड़े स्तर पर चल रहा है। कहीं सोसायटी का निर्माण किया जा रहा है तो कहीं रेनोवेशन के कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। इसमें अधिकांश जगहों पर नियमों का पालन नहीं किया जाता है। इससे वातावरण का प्रदूषित होना लाजिमी है। निर्माण कार्य द्वारका सेक्टर 11,13,14,17 व 19 में हो रहा है। निर्माण कार्य के दौरान मलबे को ठिकाने लगाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।

जलाए जाते हैं हरित कचड़े

इलाके में हरियाली होने की वजह से हरित कचड़ा भी काफी मात्रा में निकलता है। ऐसे में पेड़ों की छंटाई के बाद इसके निस्तारण पर ध्यान नहीं दिया जाता है और इसे किसी खाली प्लॉट में फेंक दिया जाता है। कुछ दिनों बाद इसके सूखने पर इसमें आग लगा दी जाती है। कई बार आग इतनी भयंकर होती है कि अग्निशमन विभाग को यहां पर बुलाना पड़ता है। ऐसे में धुएं के गुबार से भी इलाका काफी प्रदूषित हो रहा है।

सार्वजनिक परिवहन का अभाव

कहने को तो द्वारका इलाके में तीन-तीन बस डिपो हैं। इसमें से दो डिपो से बसों का संचालन भी होता है, लेकिन समुचित मात्रा में बसों का परिचालन नहीं होने से लोगों अपने वाहन का उपयोग करना पड़ता है। ऐसे में हजारों कारें प्रतिदिन इस इलाके में चलती हैं। अगर एक सेक्टर से दूसरे सेक्टर के बीच सार्वजनिक परिवहन की सुविधा हो तो लोग अपनी कार का उपयोग करने से बचेंगे, जिससे प्रदूषण भी कम होगा, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।


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