दिल्ली में बिजली की मांग का टूटा रिकॉर्ड, और बढ़ सकती है डिमांड
बृहस्पतिवार दोपहर बाद 3.29 बजे दिल्ली मेंं बिजली की अधिकतम मांंग 6260 मेगावाट दर्ज की गई। यह अब तक की अधिकतम मांंग है, इससे पूर्व 20 मई को 6188 मेगावाट दर्ज की गई थी।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। उमस भरी गर्मी के कारण इस वर्ष दिल्ली मेंं बिजली की मांग का रिकॉर्ड फिर टूट गया है। बृहस्पतिवार दोपहर बाद 3.29 बजे दिल्ली मेंं बिजली की अधिकतम मांंग 6260 मेगावाट दर्ज की गई। यह अब तक की अधिकतम मांंग है, इससे पूर्व 20 मई को 6188 मेगावाट दर्ज की गई थी। दिल्ली सरकार का दावा है कि दिल्ली मेंं बिजली की कोई कमी नहींं है। इसलिए मांग बढ़ने के बावजूद बिजली आपूर्ति मेंं किसी तरह की दिक्कत नहींं होगी।
गर्मी के मौसम मेंं दिल्ली मेंं बिजली की मांग मेंं बढ़ोतरी होती है। लेकिन इस वर्ष पिछले वर्षोंं की तुलना मेंं मांग ज्यादा बढ़ गई है। इस वर्ष मई मेंं ही पिछले वर्षोंं का रिकॉर्ड टूट गया था। वर्ष 2014 मेंं अधिकतम मांग 5925 मेगावाट पहुंची थी।
यह रिकॉर्ड इस वर्ष 19 मई को (6044 मेगावाट) टूट गया था। इसके अगले दिन ही मांग 6188 मेगावाट पहुंच गई थी। वहींं, बृहस्पतिवार को यह रिकॉर्ड भी टूट गया। बिजली अधिकारियोंं का कहना है कि दिल्ली मेंं बिजली की मांंग मुंंबई की तुलना मेंं 70 फीसद तथा चेन्नई और कोलकाता की तुलना मेंं तीन गुना अधिक है। पूरे उत्तर-पूर्वी क्षेत्र की मांंग भी दिल्ली की मांंग के आधे से भी कम है। गर्मी और उमस इसी तरह बढ़ती रही तो इस वर्ष अधिकतम माग 6500 मेगावाट तक पहुंंच सकती है।
बीएसईएस से बकाया नहींं मिलने से ट्रांसको परेशान
दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड (डीटीएल) के प्रवक्ता डॉ. ऋषिराज भाटी का कहना है कि डीटीएल अपने मौजूदा ढांचे के आधार पर 9000 मेगावाट तक बिजली आपूर्ति करने मेंं सक्षम है। बढ़ती मांंग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए इसे और मजबूत किया जा रहा है। लेकिन रिलायंंस के स्वामित्व वाली बिजली वितरण कपनियां बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड तथा बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड द्वारा बकाया राशि का भुगतान नहींं किए जाने से डीटीएल को अपने नेटवर्क के विस्तार व इसके दैनिक रखरखाव मेंं परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इन दोनोंं कंंपनियोंं पर डीटीएल का लगभग 2000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद ये कंंपनिया डीटीएल को बकाया राशि का भुगतान नहींं कर रही हैं।
बिजली की अधिकतम मांग
वर्ष- अधिकतम मांग (मेगावाट मेंं)
2016 (30 जून)-6260
2016 (20 मई)-6188
2015 (19 जून)-5846
2014 (15 जुलाई)-5925
2013 (11 जुलाई)-5653
2012 (5 जुलाई)-5642
2011 (2 अगस्त)-5028
2010 (1 जुलाई)-4720
2009 (8 जुलाई)-4408
महानगरो/ प्रदेशोंं मेंं बिजली की अधिकतम मांंग
शहर/प्रदेश-अधिकतम मांंग (लगभग)
मुबई-3700 मेगावाट
चेन्नई -1800 मेगावाट
कोलकाता-2100 मेगावाट
हिमाचल प्रदेश-1500 मेगावाट
ओडिसा - 4000 मेगावाट