लॉकडाउन में 'आजाद' हवा
लॉकडाउन ने दिल्ली एनसीआर वासियों को भले ही घरों में कैद कर दिया हो लेकिन हवा को प्रदूषण से बिल्कुल मुक्त कर दिया है। आलम यह है कि सुबह व शाम के अति व्यस्त घंटों में भी इन दिनों हवा एकदम चल रही है। प्रमुख प्रदूषक तत्व पीएम 2.5 और नाइट्रोजन ऑक्साइड (एन ओ 2) भी क्रमश 64 तथा 75 फीसद तक कम हो गए हैं।
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली
लॉकडाउन ने दिल्ली-एनसीआर के घरों के दरवाजे भले ही बंद कर दिए हों, लेकिन हवा को प्रदूषण से बिल्कुल मुक्त कर दिया है। आलम यह है कि सुबह व शाम के अति व्यस्त घंटों में भी इन दिनों हवा एकदम साफ चल रही है। प्रमुख प्रदूषक तत्व पीएम 2.5 और नाइट्रोजन ऑक्साइड (एन ओ 2) भी क्रमश: 64 और 75 फीसद तक कम हो गए हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर में सुबह 8 से 11 जबकि शाम को 5 से 9 बजे तक का समय अति व्यस्त घंटों (पीक अवर्स) में गिना जाता है। यह वही समय होता है जब सड़कों पर वाहनों की संख्या और यातायात दबाव सर्वाधिक होता है। इस दौरान वाहनों के धुएं और ईधन चलने की वजह से प्रदूषण भी सबसे ज्यादा उत्पन्न होता है। सफर और टेरी भी अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट कर चुके हैं कि दिल्ली-एनसीआर के वायु प्रदूषण में 40 फीसद से अधिक योगदान वाहनों के प्रदूषण का ही होता है।
दूसरी तरफ कोरोना वायरस के संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए चल रहे इस लॉकडाउन पीरियड में लोगों के पैर ही नहीं, वाहनों के पहिए भी थम गए हैं। औद्योगिक इकाइयां भी बंद हैं। नतीजा, हवा भी पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त हो गई है। अतिव्यस्त घंटों में भी प्रदूषण का नामोनिशान नजर नहीं आ रहा। आसमान तो एकदम नीला देखा जा ही सकता है, दूर-दूर तक की सड़क और इमारतें भी साफ नजर आने लगी हैं।
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि बेशक इन दिनों लॉकडाउन के चलते प्रदूषण खत्म हुआ है, मगर इससे यह भी साबित हो गया है कि निजी वाहनों पर निर्भरता कम करके और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देकर वायु प्रदूषण को आगे भी नियंत्रित किया जा सकता है। सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) के सस्टेनेबल सिटीज प्रोग्राम के कार्यक्रम प्रबंधक अविकल सोमवंशी कहते हैं कि प्रदूषण मुक्त हवा में सांस लेने के लिए दिल्ली-एनसीआर वासियों को अपनी जीवनशैली और दिनचर्या में कुछ बदलाव तो करना ही होगा। औद्योगिक प्रदूषण पर भी लगाम लगानी होगी। बॉक्स-1
दिल्ली एनसीआर में कहां कितना कम हुआ पीएम 2.5 और एन ओ 2 शहर पीएम 2.5 एन ओ 2
दिल्ली 57 फीसद 64 फीसद
गुरुग्राम 69 फीसद 66 फीसद
फरीदाबाद 62 फीसद 40 फीसद
गाजियाबाद 64 फीसद 75 फीसद
नोएडा 62 फीसद 79 फीसद
------------- बॉक्स-2
लॉकडाउन से कोरोना पर तो वार हुआ ही है, वायु प्रदूषण भी पूरी तरह काबू में आ गया है। लॉकडाउन खत्म हो जाने के बाद भी यदि थोड़ा ख्याल रखा जाए तो सांस लेने के लिए यह साफ हवा भविष्य में भी मिल सकती है। इसी दिशा में बीएस-6 भी अनिवार्य किया गया है।
-भूरेलाल, अध्यक्ष, पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए)