चौथे पेट्स फेस्टिवल में दिखा छोटे डॉग्स का जलवा
ओखला स्थित राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआइसी) के ग्राउंड में दो दिवसीय पेट्स फेस्टिवल-2017 का शुभारंभ शनिवार को हुआ। सुबह से ही फेस्टिवल में डॉग्स प्रेमियों का आने का सिलसिला शुरू हो गया। हालांकि, इस वर्ष छोटे डॉग्स का जलवा कहीं अधिक देखने को मिला। रविवार को इसका समापन होगा।
निर्भय कुमार पाण्डेय, दक्षिणी दिल्ली
ओखला स्थित राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआइसी) के ग्राउंड में दो दिवसीय पेट्स फेस्टिवल-2017 का शुभारंभ शनिवार को हुआ। सुबह से ही फेस्टिवल में डॉग्स प्रेमियों का आने का सिलसिला शुरू हो गया। हालांकि, इस वर्ष छोटे डॉग्स का जलवा कहीं अधिक देखने को मिला। रविवार को इसका समापन होगा।
अधिकतर लोग अपने पसंदीदा डॉग्स के साथ यहां पहुंचे। आयोजक ने बताया कि दो दिनों में करीब 3000 हजार डॉग्स के आने की उम्मीद है। इस वर्ष लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स दर्ज हो सकता है। पेट्स फेस्टिवल के आयोजक व संस्थापक अक्षय गुप्ता का कहना है कि देश में चौथी बार इस तरह का आयोजन किया जा रहा है। लगातार दो वर्षो से एनएसआइसी ग्राउंड में यह आयोजन हो रहा है। अभी तक आस्ट्रेलिया में 764 डॉग्स के एक साथ जमा होने का रिकॉर्ड बना है। माना जा रहा है कि यह रिकॉर्ड इस वर्ष भारत में टूटेगा।
मिली बनी आकर्षण का केंद्र
गाजियाबाद से अदिति बदाम यहां मिली नामक स्ट्रीट डॉग को लेकर आई थीं, जो यहां पर आकर्षण का केंद्र थी। दो वर्ष पहले मिली ने आगे के दो पैर सड़क हादसे में गंवा दिए थे, जिसके बाद अदिति को किसी राहगीर ने इसकी जानकारी दी। इसका इलाज किया गया। मिली अब पीछे के दो पैरों पर चलती है। अदिति ने बताया कि उनकी संस्था पोश फाउंडेशन सड़क हादसे के शिकार करीब 60 डॉग्स की देखरेख कर रही है।
सजे-धजे डॉग्स के साथ पहुंचे लोग
पेट्स फेस्टिवल में दिल्ली-एनसीआर से लोग पहुंचे थे। फेस्टिवल में कई प्रकार की प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया था। लोग अपने पालतू डॉग्स को रंग-बिरंगे कपड़े पहनाकर लाए थे। गुरुग्राम से आई प्रियांका अपने सीसी व ईवी नामक डॉग को लड़कियों का कपड़ा पहना कर लाई थीं। वहीं, ग्रीन पार्क से आए हर्षित अपने नोडी को रंगीन गर्म कपड़े पहना कर लाए थे।
वहीं, डॉग्स के लिए स्विंग और राइड्स के साथ-साथ बेकरीज और अन्य सामान के कई स्टॉल लगे हुए हैं। साथ ही पेट गोट टायलेंट शो, सिक्योरिटी डॉग शो समेत अन्य कई प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। कुछ ऐसे लोग भी मिले, जो अपने परिवार के साथ आए हुए थे। कीर्ति नगर से वेदा अपनी मां और बहन के साथ यहां पहुंची थीं।