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भारत-पाक सरहद पर तनाव मगर यहां बिखर रही मोहब्बत की खुशबू

सरहदों पर भले ही तनाव पसरा हो। तनाव के कारण ही गजल गायक गुलाम अली का कंसर्ट निरस्त हो गया हो, लेकिन विश्व व्यापार मेले में पाकिस्तान के पवेलियन में तो सबसे ज्यादा भारतीयों का प्यार बरस रहा है।

By JP YadavEdited By: Published: Sun, 15 Nov 2015 09:47 AM (IST)Updated: Sun, 15 Nov 2015 09:56 AM (IST)
भारत-पाक सरहद पर तनाव मगर यहां बिखर रही मोहब्बत की खुशबू

नई दिल्ली (नेमिष हेमंत)। सरहदों पर भले ही तनाव पसरा हो। तनाव के कारण ही गजल गायक गुलाम अली का कंसर्ट निरस्त हो गया हो, लेकिन विश्व व्यापार मेले में पाकिस्तान के पवेलियन में तो सबसे ज्यादा भारतीयों का प्यार बरस रहा है।

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पहले ही दिन ही पाकिस्तान पवेलियन में लोगों की चहलकदमी ज्यादा रही। इसमें महिलाओं की संख्या ज्यादा रही। हो भी क्यों न, कुर्ती व सलवार से लेकर दुपट्टा, स्टॉल तक पर की गई कारीगरी और उसके चटख रंग उन्हें भा रहे हैं।

वैसे, पाकिस्तान पवेलियन का माहौल थोड़ा अलसाया सा है। कारण, कि कुछ स्टॉलों पर सामानों को लगाने का काम जारी है। कोई विक्रेता देर रात पहुंचे हैं तो कोई कुछ घंटे पहले ही। हालांकि, उनकी आंखों में भी भारत में अब तक मिले प्यार का अहसास ज्यादा है।

पाकिस्तान के सिंध के सुक्कुर जिले से आई रुखसाना रियाज अली पहली बार अपने इलाके की ग्रामीण महिलाओं के बनाए उत्पाद को लेकर विश्व व्यापार मेला पहुंची हैं। उसमें हस्तकरघा के डिजाइन किए सूट के कपड़े से लेकर दुपट्टा, बैग व ज्वेलरी समेत अन्य सामान हैं।

गदगद रुखसाना कहती हैं कि उन्हें दिल्ली पहुंचे डेढ़ दिन हुए हैं और इन डेढ़ दिनों में यहां के लोगों का मिलनसार व्यवहार उन्हें अभिभूत कर देने वाला है। उन्होंने कहा कि एक दूसरे देश के लोग एक दूसरे का सम्मान करते हैं। प्यार करते हैं।

इंसानियत का रिश्ता सरहद के दीवार से कहीं बड़ा है। वे कहती हैं कि उनके साथ कई और पाकिस्तान की महिलाएं आना चाहती थी, लेकिन हर कोई आ नहीं सकता है। हालांकि, वह कहती है कि कस्टम से अब तक कुछ माल नहीं आया है। इस कारण अभी पूरी तरह से उनका स्टाल नहीं सजी है।

वहीं, लाहौर के आए अहमद कहते हैं कि उनसे तो भारतीय खरीदार हालचाल पूछने लगते हैं कि कराची कैसा है। लाहौर की वह गली कैसी है। अहमद के मुताबिक बंटवारे में काफी लोग इधर चले आए, लेकिन अभी भी उनकी यादें पाकिस्तान से जुड़ी है।

यह जुड़ाव ही दोनों मुल्कों को एक करता है। वे बताते हैं कि अपने साथ लाए बेलबेट, कॉटन व सिल्क के कपड़ों में पाकिस्तान की रंगीनियत व वहां की संस्कृति साथ लाए हैं।

पाकिस्तान के ही मुस्तफा कहते हैं कि अगर पाकिस्तान और भारत में दोस्ती का रंग गाढ़ा हो जाए तो भारत के लिए रास्ते पाकिस्तान, ईरान, अफगानिस्तान, इराक होते हैं और ये यूरोप तक खुल जाएंगे।

उन्हें भी अपने उत्पाद भारत लाना आसान हो जाएगा। लाजपत नगर की शालिनी आहूजा पाकिस्तान पवेलियन जरूर आती हैं। वे कहती हैं कि वहां के कपड़ों के प्रिंट थोड़े अलग होते हैं, जो आकर्षक होते हैं।


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