पुरानी दिल्ली में नजर आएगा चमचमाता नया बाजार
के साथ व्यवसायिक दुकाने भी होगी। इसमें फूड कोर्ट से लेकर तमाम तरह की दुकानें होगी। निगम के मुताबिक इस परियोजना को 30 माह में पूरा किया जाना है। इस पार्किंग क्षेत्र को अक्टूबर 2020 तक पूरा करके देना है। इन पार्किंग को निगम अपने द्वारा संचालित करेगा। इससे भी निगम को करोडों रुपये सालाना का राजस्व मिलेगा। पुरानी दिल्ली की इमारतों की तरह दिखाई देगी व्यवसायिक केंद्र पुरानी दिल्ली की अपनी एक पहचान है। पुरानी दिल्ली की इमारतों को धरोहर की तरह देखा जाता है। इसलिए यह भी व्यवसायिक केंद्र पुरानी दिल्ली से मिलता हुआ दिखे इसके लिए का डिजाइन को भी हैरीटेज लुक दिया गया है। इसका बाहरी रूप पुरानी दिल्ली
निहाल सिंह, नई दिल्ली
पुरानी दिल्ली का जाम आम हो चुका है। यहां पार्किंग के लिए लोगों घंटो इंतजार करना पड़ता है, लेकिन आने वाले वर्षों में यह समस्या न केवल खत्म हो जाएगी बल्कि यूं कहिए कि पूरा चांदनी चौक ही एक छत के नीचे आ जाएगा। इसके बाद यहां पर बढ़ी ही सहूलियत के साथ वाहनों को खड़ा किया जा सकेगा बल्कि यहां से शॉपिग भी की जा सकेगी। इसके लिए गांधी मैदान की पुरानी पार्किंग को हटाकर नया पार्किंग कम व्यवसायिक कांप्लेक्स विकसित किया जाएगा। मंगलवार को केंद्रीय मंत्री व चांदनी चौक से सांसद डॉ हर्षवर्धन इसका शिलान्यास करेंगे।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम का यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, इससे निगम को बढ़ी आय भी होगी साथ ही यहां पर पार्किंग की सुविधा भी विकसित होगी। निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत इसको विकसित किया जाएगा। निगम के मुताबिक इस प्रोजेक्ट में करीब 300 करोड़ रुपये की निर्माण लागत आएगी। हालांकि यह लागत पीपीपी मॉडल के तहत कार्य करनी कंपनी को ही वहन करनी होगी। इसके साथ ही 445 करोड़ रुपये परियोजना पूरी होने के बाद यह कंपनी निगम को देगी। चार गुणा हो जाएगी पार्किंग की क्षमता
निगम द्वारा गांधी मैदान में पार्किंग चलाई जाती थी। इसकी 600 गाड़ियों की क्षमता थी, लेकिन इस परियोजना के पूरे होने के बाद यह क्षमता करीब-करीब चार गुणा हो जाएगी। यहां 2350 गाड़ियों को खड़ा किया जा सकेगा। परियोजना के मुताबिक इस तीन मंजिल बेसमेंट और ग्राउंड समेत सात मंजिल ऊपर बनाया जाएगा। इसमें पार्किंग के साथ व्यवसायिक दुकाने भी होगी। इसमें फूड कोर्ट से लेकर तमाम तरह की दुकानें होगी। निगम के मुताबिक इस परियोजना को 30 माह में पूरा किया जाना है। इस पार्किंग क्षेत्र को अक्टूबर 2020 तक पूरा करके देना है। इन पार्किंग को निगम अपने द्वारा संचालित करेगा। इससे भी निगम को करोड़ों रुपये सालाना का राजस्व मिलेगा।
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पुरानी दिल्ली की इमारतों की तरह दिखाई देगी व्यवसायिक केंद्र
पुरानी दिल्ली की अपनी एक पहचान है। पुरानी दिल्ली की इमारतों को धरोहर की तरह देखा जाता है। इसलिए यह भी व्यवसायिक केंद्र पुरानी दिल्ली से मिलता हुआ दिखे इसके लिए का डिजाइन को भी हैरीटेज लुक दिया गया है। इसका बाहरी रूप पुरानी दिल्ली में महल की तरह दिखाइ देगा। इस व्यवसायिक केंद्र के अंदर मॉलनुमा आधुनिक लिफ्ट होगी। निगम के मुताबिक संपत्ति कर के अलावा प्रत्येक वर्ष 2.5 फीसद लीज शुल्क भी निगम को मिलेगा। जासं., नई दिल्ली: विश्व प्रसिद्ध ज्वैलरी बाजार कूचा महाजनी के गांधी मैदान मॉल/ बहुमंजिला पार्किंग स्थल में स्थानांतरण का मामला अटक गया है। यहां के ज्वैलर्स के मुताबिक प्रारंभिक दौर की बातचीत में रियल एस्टेट कंपनी द्वारा इसकी कीमत बाजार भाव से काफी अधिक बताई जा रही है। इस बारे में द ज्वैलर्स एंड बुलियन एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश सिघल ने कहा कि यह करीब-करीब दोगुना है, जिसके कारण कूचा महाजनी के ज्वैलर्स ने इस मॉल में जाने का इरादा फिलहाल छोड़ दिया है। सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के माध्यम बन रही इस बहुमंजिला इमारत में 18 हजार स्क्वायर मीटर की जगह व्यवसायिक गतिविधियों के लिए उपलब्ध होगी। ऐसे में चांदनी चौक के कई बाजार दो लाख वर्ग फीट की जगह है, जिसे व्यावसायिक गतिविधियों के तौर पर इस्तेमाल किया जाना है। ऐसे में नया पता गांधी मैदान में मल्टीलेवल पार्किंग व शॉपिग कांप्लेक्स हो सकता है। मौजूदा गांधी मैदान पार्किंग में पीपीपी मोड से बहुमंजिला इमारत बनेगी। इसके लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने एक निजी डेवलपर से करार किया है। उम्मीद है कि जुलाई से भवन निर्माण पर काम शुरू हो जाएगा। नौ मंजिला भवन में सात मंजिल तक पार्किंग और दो मंजिल शॉपिग कांप्लेक्स होगा। इस दो मंजिला शॉपिग कांप्लेक्स को ही कूचा महाजनी के बुलियन और ज्वेलरी हब के रूप में विकसित करने में गंभीरता दिखा रहे हैं। इस मसौदे को लेकर ज्वेलर्स का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को दिल्ली के एक पंचतारा होटल में रियल एस्टेट कंपनी के मुख्य कार्यकारी निदेशक से भी मिला था तथा उनके सामने यह प्रस्ताव रखा था। डेवलपर की ओर से बताया कि गया कि दो मंजिल शॉपिग काप्लेक्स में करीब डेढ़ लाख वर्ग फुट की जगह उपलब्ध होगी। द बुलियन एंड ज्वेलर्स कूचा महाजनी के अध्यक्ष योगेश सिघल ने बताया कि अगर बातचीत सही दिशा में रही तो इसे विश्वस्तरीय ज्वेलरी बाजार के तौर पर विकसित किया जा सकेगा, जहां हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध होगी। यहां तक कि इसमें कान्फ्रेस हॉल और भी उपलब्ध हो सकेगा।
उन्होंने बताया कि बातचीत अभी प्रारंभिक दौर में है। अगर सब ठीक रहा तो गांधी मैदान कूचा महाजनी के ज्वेलर्स का नया ठिकाना हो सकता है।
कूचा महाजनी में समस्याओं का अंबार
संकरी गलियों में बसे कूचा महाजनी में समस्याओं का अंबार है। गंदगी के साथ ही लटकते तार, अगलगी और इमारत ढहने की शिकायतें हैं तो मोबाइल फोन नेटवर्क में परेशानी व पार्किंग की समस्या भी है। अगर गांधी मैदान में यह बाजार जाता है तो वहां ये समस्याएं नहीं रहेगी।
कूचा महाजनी का भी हो सकेगा पुनर्निर्माण
बाजार स्थानांतरण का मसौदा रखने वाले ज्वेलर्स के मुताबिक अगर गांधी मैदान में बाजार जाता है तो खाली हुए कूचा महाजनी के पुनर्निर्माण की योजना को अमल में लाया जा सकेगा। तब जर्जर और बिना किसी मानकों की बनी इमारतों को ढहाकर नियोजित बाजार बसाया जा सकेगा।
एक हजार व्यावसायिक प्रतिष्ठान
117 वर्ष पुराने इस बाजार में एक हजार से अधिक व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं, जिनमें ज्वेलरी, हीरे और बुलियन का धंधा होता है। इससे इसकी वैश्विक पहचान भी है।