गूगल-पे को आरबीआइ से प्राधिकृत होने की जरूरत नहीं : गूगल इंडिया
गूगल इंडिया डिजिटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में कहा कि उनकी एप गूगल -पे को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) से प्राधिकृत करने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह भुगतान प्रणाली संचालक (पीएसओ) न होकर तृतीय पक्ष यानी एप्लिकेशन प्रदाता है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
गूगल इंडिया डिजिटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में कहा कि उनकी एप गूगल -पे को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) से प्राधिकृत करने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह भुगतान प्रणाली संचालक (पीएसओ) न होकर तृतीय पक्ष यानी एप्लिकेशन प्रदाता है। मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ के समक्ष शपथ पत्र दाखिल कर गूगल ने कहा कि आरबीआइ द्वारा अधिकृत पीएसओ भारत का राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआइ) है जो एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआइ) नेटवर्क का मालिक व संचालक है।
जबकि, याचिकाकर्ता अभिजीत मिश्रा ने जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि गूगल का मोबाइल भुगतान एप गूगल-पे या जी-पे आरबीआइ से प्राधिकृत नहीं है और वित्तीय लेनदेन की सुविधा प्रदान कर रहा था। याचिकाकर्ता द्वारा शपथ पत्र पर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगने पर पीठ ने सुनवाई को 31 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी।