एनएफएसए के तहत नियम तैयार करने पर हो रहा विचार
एक गैर सरकारी संगठन की अवमानना याचिका के जवाब में दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट में शपथ पत्र दाखिल करके कहा कि वह खाद्य सुरक्षा कानून के तहत शिकायत निवारण और जवाबदेही के लिए नियम तैयार करने पर विचार कर रही है। एनजीओ में दावा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत शिकायत निवारण और जवाबदेही उपायों के
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : एक गैरसरकारी संगठन (एनजीओ) की ओर से दायर अवमानना याचिका के जवाब में दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट में शपथ पत्र दाखिल कर कहा कि वह खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत शिकायत निवारण और जवाबदेही के लिए नियम तैयार करने पर विचार कर रही है। एनजीओ ने दावा किया है कि एनएफएसए के तहत शिकायत निवारण और जवाबदेही उपायों के क्रियान्वयन के संबंध में सितंबर 2017 के निर्देशों का सरकार ने पालन नहीं किया। याचिका पर शुक्रवार को मुख्य पीठ सुनवाई करेगी।
एनजीओ दिल्ली रोजी रोटी अधिकार अभियान ने मुख्य याचिका में आधार कार्ड के बिना एनएफएसए के तहत लाभार्थियों को सब्सिडी वाले खाद्यान्न के वितरण की मांग की थी। हाई कोर्ट ने सितंबर 2017 के आदेश में दिल्ली सरकार को उचित मूल्य की दुकानों द्वारा खाद्यान्न के वितरण पर केंद्र सरकार द्वारा सुझाए गए मॉडल नियमों की जांच करने और एनएफएसए 2013 के प्रावधानों के अनुसार चार सप्ताह में कदम उठाने का निर्देश दिया था। दिल्ली सरकार के अनुसार शिकायत निवारण के लिए नियमों को तैयार करने संबंधी फाइल विभिन्न विभागों और मंत्रालयों को भेजी गई, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। दिल्ली सरकार ने हलफनामे में कहा कि अदालत द्वारा निर्देशित एनएफएसए के तहत वैधानिक शिकायत निवारण ढांचा स्थापित करने का मामला विचाराधीन है। ऐसे में अवमानना याचिका का निपटारा किया जाए। एनजीओ ने अवमानना याचिका में दावा किया कि दक्षिण दिल्ली की कुछ झुग्गियों में आधार कार्ड न होने के कारण सब्सिडी वाले खाद्यान्न प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। एक मजबूत शिकायत निवारण ढांचा होने से लोग शिकायत कर उसका निर्धारित समय में निस्तारण करा सकेंगे। एनएफएसए के तहत 80 करोड़ लोगों को प्रति व्यक्ति पांच किलोग्राम खाद्यान्न हर महीने 1 से 3 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से दिया जाता है।