अगले साल तक दिल्ली को मिलेंगी इलेक्ट्रिक बसें
राज्य ब्यूरो,नई दिल्ली : दिल्ली सरकार का दावा है कि अगले वर्ष जून और जुलाई तक दिल्ली की सड़
राज्य ब्यूरो,नई दिल्ली : दिल्ली सरकार का दावा है कि अगले वर्ष जून और जुलाई तक दिल्ली की सड़कों पर एक हजार इलेक्ट्रिक बसें नजर आएंगी। इन बसों के खरीदने के प्रस्ताव को सरकार की कैबिनेट ने बुधवार को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी मगर सरकार को यह नहीं पता है कि इस बसों की खरीद के लिए पैसा कहां से आएगा। इस बारे में पूछे जाने पर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सीधा जवाब नहीं दिया। दिल्ली सरकार ने जिस पायलेट प्रोजक्ट के तौर पर 2016 में रोड पर एक इलेक्ट्रिक बस उतारी थी। यह बस अब तक 17 हजार किलोमीटर ही चली है। यानी दो साल के दिन के हिसाब से भी आकलन करें तो दो करोड़ रुपये की यह महंगी बस एक दिन में 23 किलोमीटर चली है, जबकि सामान्य बस तीन सौ किलोमीटर से भी अधिक एक दिन में चलती हैं। हालांकि सरकार पायलट प्रोजेक्ट को सफल मान रही है।
बहरहाल, कैबिनेट की बैठक के बाद परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि इस बस खरीद व अन्य कार्य के लिए डिम्ट्स को कंसलटेंट बनाया गया है। वह तीन माह में रिपोर्ट देगी। उम्मीद है कि अगले साल तक यह एक हजार बसें सड़क पर उतर जाएंगी। गहलोत ने कहा कि दुनिया में इतनी इलेक्ट्रिक बसें एक साथ सड़कों पर नहीं आई हैं। मनीष सिसोदिया ने कहा कि पहले दिल्ली में सीएनजी से क्रांति आई थी। अब इसमें इलेक्ट्रिक का नया अध्याय जुड़ जाएगा। सभी बसें लो फ्लोर और एसी की होंगी। उन्होंने कहा कि इससे पहले 2016 में एक ई-बस को दिल्ली में उतारा गया था। उस बस ने एक ब्रेक डाउन की शिकायत पर करीब 17 हजार किमी का सफर किया। उन्होंने कहा कि देश में फिलहाल 30 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। इसके अलावा 10 राज्यों ने 440 बसों के लिए टेंडर जारी किया है।
हाइड्रोजन फ्यूल से बसें चलाने पर विचार : कैलाश गहलोत
कैलाश गहलोत ने कहा कि परिवहन विभाग को हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाली बस के बारे में भी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि बेहतर ईधन के लिए विभिन्न स्तरो पर सार्वजनिक परिवहन की तलाश होगी। डीटीसी में एसी बसों को प्रयोग किया जाएगा।