पानी के लिए मारामारी में भूले शारीरिक दूरी के नियम
टैंकर में खराबी आ गई थी जिसके कारण कुछ परेशानी आईं। अब सब ठीक है। टैंकर से भी सीधे घर तक पानी पहुंचाने की कोशिश हो रही है। क्रियान्वयन में कोरोना और लॉकडाउन के कारण देरी आई है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : जल ही जीवन है, यह बात नई दिल्ली के कई इलाकों में भीषण गर्मी के दौरान खूब देखने को मिल रही है। लोग पीने का पानी भरने के लिए अपनी जान तक जोखिम में डाल रहे हैं। पानी की मजबूरी लोगों को यह बिल्कुल भुला दे रही है कि देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी लगातार लोगों की जिदगी छीन रही है। नई दिल्ली के कई इलाकों में लोग पानी के लिए सुबह से ही अपने बर्तन लाइन में लगाकर टैंकर का इंतजार करते हैं।
नई दिल्ली के बलजीत नगर के पंजाबी बस्ती, नेपाली मंदिर व गायत्री कॉलोनी जैसे कई इलाकों में आज भी दिल्ली जलबोर्ड के पानी की पाइप लाइन नहीं बिछी है। इसके चलते लोगों को आग बरसाती इस गर्मी के दौरान पानी की एक-एक बूंद के लिए मोहताज होना पड़ता है। इन इलाकों में रहने वाले लोग सुबह छह बजे से ही मोहल्ले की गलियों और चौक पर अपने बर्तन लेकर पहुंच जाते हैं। उन्हें पता होता है कि इस जगह पानी का टैंकर आएगा, जिससे उन्हें पीने का पानी मिलेगा। इसके लिए वे कोरोना महामारी के बारे में भूल जाते हैं कि सरकार ने शारीरिक दूरी का भी कोई नियम बनाया है। लोग धड़ल्ले से नियमों को ताक पर रखकर पानी के लिए एक दूसरे से लड़ते नजर आते हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो वे बिल्कुल भी ऐसा न करें, अगर जल बोर्ड उन्हें भरपूर पानी उपलब्ध कराए। इसके लिए पानी की पाइप लाइन बिछाने का काम किया जाना चाहिए, जो वर्षो से अब तक नहीं हुआ है। उनका कहना है कि पानी का भी एक या दो टैंकर आता है, जिससे कॉलोनी के लोग पानी भरते हैं। पानी खत्म न हो जाए, इसके लिए लोग मारामारी करते हैं। हालांकि जल बोर्ड ने पहले ही पुलिस को यह आदेश दे रखा है कि वह जल बोर्ड के टैंकर के साथ सप्लाई कराने में शारीरिक दूरी के नियम का पालन कराए।
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टैंकर में खराबी आ गई थी, जिसके कारण कुछ परेशानी आई। अब सब ठीक है। टैंकर से सीधे घर तक पानी पहुंचाने की कोशिश हो रही है। इसके क्रियान्वयन में कोरोना और लॉकडाउन के कारण देरी हुई है।
- राजकुमार आनंद, विधायक, पटेल नगर