Move to Jagran APP

वायु प्रदूषण कम करने में दोनों बार नाकाम रहा ऑड-इवेन

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली दिल्ली सरकार भले ही ऑड-इवेन से वायु प्रदूषण कम करने का दावा कर रही

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 Nov 2017 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 11 Nov 2017 03:00 AM (IST)
वायु प्रदूषण कम करने में दोनों बार नाकाम रहा ऑड-इवेन

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली

loksabha election banner

दिल्ली सरकार भले ही ऑड-इवेन से वायु प्रदूषण कम करने का दावा कर रही हो, लेकिन प्रदूषण के आंकडे़ दावे की सिरे से कलई खोल रहे हैं। आंकडे़ बताते हैं कि पहले भी जब दो बार ऑड-इवेन लागू किया गया था, तो वायु प्रदूषण में कोई कमी नहीं आई थी। विशेषज्ञों का तो यहां तक कहना है कि ऑड-इवेन वायु प्रदूषण कम कर ही नहीं सकता। इससे यातायात व्यवस्था में तो सुधार संभव है, हवा की बेहतरी नहीं।

दिल्ली सरकार ने वर्ष 2016 में 1-15 जनवरी और इसके बाद 16 से 30 अप्रैल के बीच ऑड-इवेन लागू किया था। दोनों ही बार कोई उल्लेखनीय नतीजे सामने नहीं आए। सामान्य दिनों की तुलना में पीएम 2.5 में जरा भी कमी नहीं आई। दोनों ही बार यह खराब, बहुत खराब और गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया।

1 से 15 जनवरी 2016 के मध्य सफर द्वारा 24 घंटे के औसत आकलन के आधार पर पर पीएम 2.5 का स्तर (माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर में)

तारीख-पीएम 2.5

1-197.8

2-194.6

3-205.4

4-249.1

5-278.4

6-271.8

7-248.6

8-280.3

9-165.3

10-131.2

11-146.4

12-173.1

13-158.4

14-179.1

15-144

16 से 30 अप्रैल 2016 के मध्य पीएम 2.5 का स्तर (माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर में)

तारीख-पीएम 2.5

16-111.8

17-70.5

18-75.4

19-124.6

20-90.2

21-67.8

22-93.8

23-81.2

24-90.5

25-107.3

26-132.3

27-138.3

28-177.6

29-161.8

30-184.3

(नोट : पीएम 2.5 का निर्धारित सामान्य स्तर 60 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर है।)

------------------------------------

ऑड-इवेन से प्रदूषण कम नहीं होगा। अप्रैल 2016 में जब पंद्रह दिन के लिए ऑड-इवेन लागू हुआ था, तो इसकी समीक्षा की थी। पता चला कि ऑड-इवेन की प्रदूषण कम करने की क्षमता ही नहीं है। इसीलिए उन 15 दिनों में भी सामान्य दिनों की तुलना में महज 4 से 7 फीसद प्रदूषण ही कम हुआ था।

-सुमित शर्मा, एसोसिएट डायरेक्टर, टेरी (द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट)

ऑड-इवेन यातायात व्यवस्था को सुचारू बना सकता है, लेकिन वायु प्रदूषण कम नहीं कर सकता। वैसे भी दिल्ली में प्रदूषण की एक वजह नहीं है। अगर सार्वजनिक व्यवस्था बेहतर हो तो लोग स्वयं निजी वाहन छोड़ेंगे। विदेश में ऐसा ही होता है।

-डॉ. राधा गोयल, उप निदेशक, इंडियन पाल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन (आइपीसीए)

दिल्ली में करीब 60 लाख दोपहिया वाहन 27 लाख कारें हैं। दोपहिया वाहन ऑड-इवेन में शामिल नहीं होंगे, तब सिर्फ आधी कारों को रोकने से प्रदूषण कैसे कम हो जाएगा। सभी कारें तो रोज चलती भी नहीं हैं, जो चल रही हैं, उन्हें भी कई आधार पर छूट दे दी गई है। कारों से ज्यादा प्रदूषण स्कूटर व बाइक फैलाते हैं। वैसे भी इमरजेंसी के हालात धीरे-धीरे सुधर रहे हैं। सोमवार तक ऑड-इवेन बिल्कुल ही बेमानी साबित हो जाएगा।

-डॉ. भूरेलाल, अध्यक्ष, पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण-संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए)


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.