फर्जी IFS मामला : पैरेंट्स का दावा, अफगानिस्तान से नहीं हैं जोया खान के संबंध
पुलिस यह जांच कर रही है कि जोया के किस-किस से संबंध थे? और उसने पूर्व में अन्य किसी प्रकार से तो पुलिस व दूसरे विभाग के अधिकारियों से झूठ बोलकर फायदा तो नहीं उठाया था?
नोएडा, जेएनएन। फर्जी आइएफएस अधिकारी बनकर पुलिस सुरक्षा लेने वाली जोया खान जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गई है। जोया से मिलने के लिए जेल में उसके माता-पिता पहुंचे, जबकि जोया के पति हर्ष प्रताप सिंह से मिलने कोई भी नहीं पहुंचा। जोया के अफगानिस्तान से संबंध व प्रधानमंत्री की सभा में जाने की खबरों का पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने खंडन किया। पुलिस यह जांच कर रही है कि जोया के किस-किस से संबंध थे? और उसने पूर्व में अन्य किसी प्रकार से तो पुलिस व दूसरे विभाग के अधिकारियों से झूठ बोलकर फायदा तो नहीं उठाया था?
मूल रूप से मेरठ की रहने वाली जोया खान अपने पति हर्ष प्रताप सिंह के साथ गौर सिटी सोसायटी के फ्लैट नंबर सी 1601 में रहती थी। जोया स्वयं को युनाइटेड नेशन्स ऑर्गनाइजेशन सिक्योरिटी काउंसिल का न्यूक्लियर पॉलिसी अधिकारी बताती थी। पिछले लगभग तीन वर्ष से जोया अपने आप को युनाइटेड नेशन्स का अधिकारी तो कभी संयुक्त सचिव बताकर सुरक्षा लेती थी।
जनवरी में जोया ने अपनी कार में तोड़फोड़ होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामले की जांच में तेजी लाने के लिए उसने पुलिस के कुछ अधिकारियों को फटकार लगाई थी। बाद में जोया ने अपनी ई-मेल आइडी से सुरक्षा के लिए एसएसपी वैभव कृष्ण को ई-मेल भेजा था। यूनाइडेट नेशन्स के ई-मेल को देखकर शक होने पर एसएसपी ने जांच कराई थी। जांच में पता चला था कि मेल आइडी लैपटॉप की आइपी से ही बनाई गई है।
जांच में जुटी पुलिस ने उसके फ्लैट की तलाशी लेने और गहनता से पूछताछ के बाद मामले का पर्दाफाश किया था। पुलिस ने उसके लैपटाप व फोन को भी खंगाला है। गौर सिटी सोसायटी में जोया के पड़ोसियों को जब उसके फर्जीवाड़े का पता चला तो वह हतप्रभ थे। सोसायटी में विभिन्न चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।