Move to Jagran APP

लेखक कुछ अपनी और कुछ दुनिया की बातें दर्ज करता है : गुलजार

गुलजार ने कहा कि लेखक कुछ अपनी और कुछ दुनिया की बातें दर्ज करता है और उसको आने वाली नस्ल के लिए सौंप कर जाता है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 11:23 PM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2020 11:23 PM (IST)
लेखक कुछ अपनी और कुछ दुनिया की बातें दर्ज करता है : गुलजार
लेखक कुछ अपनी और कुछ दुनिया की बातें दर्ज करता है : गुलजार

नई दिल्ली [रितु राणा]। साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित किए जा रहे साहित्योत्सव के दूसरे दिन साहित्य अकादमी पुरस्कार 2019 के विजेताओं को मंडी हाउस स्थित कमानी सभागार में पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रख्यात कवि, कथाकार व फ़िल्म निर्देशक गुलज़ार शामिल रहे। इस अवसर पर गुलजार ने कहा कि लेखक कुछ अपनी और कुछ दुनिया की बातें दर्ज करता है और उसको आने वाली नस्ल के लिए सौंप कर जाता है। यह अलग बात है कि आने वाली नस्ल तक पहुंचते पहुंचते इतिहास बदल जाता है। सभी लेखकों ने मानों अपनी जिंदगी चूल्हे पर रखी है और उसमें उबलती हांडियों पर वे अपने जज्बातों को पका रहे हैं।

loksabha election banner

भाषाई विविधता ही ताकत

साहित्य अकादमी के अध्यक्ष चंद्रशेखर कंबार ने कहा कि भारतीय साहित्य की जो परंपरा है वह है विदेशी साहित्य की परंपरा से किसी भी तरह कम नहीं है। उन्होंने भारतीय साहित्य की सार्वभौमिकता और उसकी भाषाई विविधता को उसकी ताकत मानते हुए कहा कि यह परंपरा भूमंडलीकरण के इस समय में भी हमारी ताकत है।

इन्‍हें मिला पुरस्‍कार

इस अवसर पर अकादमी के उपाध्यक्ष माधव कौशिके व सचिव के श्रीनिवासराव भी मौजूद रहे। इस अवसर पर लेखक जयश्री गोस्वामी महंत (असमिया), चिन्मय गुहा,(बांग्ला), फुकन चंद्र बसुमतारी (बोडो), स्वर्गीय ओम -शर्मा ‘जंद्रयाड़ी’ (डोगरी), शशि थरूर (अंग्रेज़ी), रतिलाल वोरीसागर (गुजराती), नन्दकिशोर आचार्य (हिंदी), विजया (कन्नड), अब्दुल अहद हाजिनी (कशमीरी), निलबा अ. खांडेकर (कोंकणी), कुमार मनी अरविन्द (मैथिली), वि. मधुसूदनन्नायर (मलयालम), बेरिल थांगा (मणिपुरी), अनुराधा पाटील (मराठी), सलोन कार्थक (नेपाली), तरूणकान्त मिश्र (ओड़िया), किरपाल कज़ाक (पंजाबी), रामस्वरूप किसान (राजस्थानी), पेन्ना मधुसूदन (संस्कृत), कालीचरण हेम्ब्रम (संताली), ईशवर मूरजाणी (सिंधी), चो. धर्मन (तमिल), बंडिनारायण स्वामी (तेलुगु) व शाफे क़िदवई (उर्दू) को पुरस्कृत किया गया। सभी रचनाकारों को सम्मान में ताम्रफल और एक लाख रुपये की राशि का चेक भेंट किया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.