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World Mosquito Day 2021: बारिश के मौसम में बचकर रहें मच्छर जनित बीमारियों से, इस तरह से करें बचाव

दिल्ली के सीनियर फिजीशियन डा. रमन कुमार ने बताया कि बारिश का मौसम कई बीमारियों के लिए खतरा बनता है जिनमें मच्छरजनित बीमारियां हैं खास। कोरोना के साथ हमें इस तरह के संक्रमण से बचने के लिए बरतनी होगी सतर्कता...

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Fri, 20 Aug 2021 02:57 PM (IST)Updated: Fri, 20 Aug 2021 03:02 PM (IST)
घर की स्वच्छता का ध्यान रखें। घर में किसी तरह का कबाड़ या अनुपयोगी सामान इकट्ठा न करें

नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना संक्रमण नियंत्रण में है, लेकिन समाप्त नहीं हुआ है। हमें इससे बचने के सारे उपाय अपनाते रहना है, जिससे कि हम कोरोना संक्रमण ही नहीं अन्य बीमारियों के संक्रमण से भी बचे रहें। बारिश का मौसम कई तरह की बीमारियों वाला होता है। यदि हम कोरोना संक्रमण से बचाव के प्रति सजग रहें तो इसके साथ ही अन्य बीमारियों से भी बचे रह सकते हैं। यह समय कोरोना संक्रमण के साथ ही मच्छर जनित रोगों के संक्रमण से बचने का भी है। बारिश में गंदगी होने और साफ-सफाई के अभाव में मच्छर तेजी से पनपते हैं, जिनके काटने से मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारियां होती हैं।

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घातक हो सकता है मच्छर का काटना: मच्छर जनित बीमारियों में मलेरिया सबसे प्रचलित बीमारी है और यह मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने पर होती है, लेकिन इसमें सबसे घातक संक्रमण डेंगू का होता है। मच्छरों के संक्रमण से होने वाली किसी भी बीमारी में खतरा तब और बढ़ जाता है, जब व्यक्ति टीबी, एड्स व कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाला होता है। मच्छरों पर यह चर्चा अभी इसलिए भी अहम हो जाती है, क्योंकि 20 अगस्त 1897 में डा. रोनाल्ड रास ने इस बात का पता लगाया था कि मलेरिया मच्छर के काटने से होता है। तब से इस दिन को विश्व मच्छर दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

संक्रमण के प्रमुख लक्षण

  •  ठंड के साथ तेज बुखार आना
  •  सिर चकराना व घबराहट होना
  •  उल्टी आना एवं जुकाम होना
  •  शरीर में शर्करा का स्तर तेजी से गिरना
  •  कभी-कभी संक्रमित व्यक्ति का बेहोश हो जाना
  •  कंपकंपी के साथ बुखार और फिर बुखार कम होने पर पसीना आना

मादा मच्छर से फैलता है संक्रमण: मच्छरजनित बीमारी के लिए मादा मच्छर जिम्मेदार होती है। मादा मच्छर मानव या पशु का रक्त चूसती है। रक्त चूसने से उसे प्रोटीन मिलता है। इस प्रोटीन से उसे गर्भधारण के बाद अंडों को विकसित करने में मदद मिलती है।

इस तरह से करें बचाव

  •  घर के आसपास की नालियों को खळ्ला न रखें
  •  घर की स्वच्छता का ध्यान रखें। घर में किसी तरह का कबाड़ या अनुपयोगी सामान इकट्ठा न करें
  •  समय-समय पर कीटनाशकों का छिड़काव करें
  •  खिड़की व दरवाजे जालीदार रखें
  •  मच्छरदानी का प्रयोग करें
  •  फुल आस्तीन के कपडे़ पहनें
  •  सोते समय सरसों का तेल या अन्य मेडीकेटेड आयल, जेल आदि का भी इस्तेमाल कर सकते हैं
  •  खाली डिब्बे, गमले या अन्य ऐसी चीजें घर में न रखें, जिनमें बारिश का पानी कई दिन तक भरा रहे और मच्छरों को पनपने का मौका मिले

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