नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली और हरियाणा समेत सीबीआई व ईडी में दर्ज प्रापर्टी से संबंधित धोखाधड़ी के 23 मामलों में वांछित भगोड़ा घोषित महिला सोना बंसल को क्राइम ब्रांच ने मुंबई से गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली व हरियाणा पुलिस के अलावा सीबीआई व ईडी को महिला व उसका पति समेत इनके साथ धोखाधड़ी में शामिल फरार कुछ अन्य आरोपितों की तलाश थी। दिल्ली व हरियाणा की अदालतों द्वारा इन्हें भगोड़ा घोषित किया गया था।

1500 करोड़ रुपये के गुरुग्राम-मानेसर भूमि घोटाले में भी महिला व उसका पति समेत अन्य लोग आरोपित हैं। सीबीआई और ईडी इसकी जांच कर रही है। सोना बंसल पर दिल्ली पुलिस की तरफ से 50 हजार रूपये का इनाम था।

मुंबई में नाम बदलकर पति के साथ रह रही

विशेष आयुक्त क्राइम ब्रांच रवींद्र सिंह यादव के मुताबिक क्राइम ब्रांच की टीम ने मुंबई, महाराष्ट्र से सोना बंसल को गिरफ्तार किया। वह अपने पति अतुल बंसल के साथ मुंबई के पॉश इलाके में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नाम बदलकर रह रही थी। फरारी के दौरान विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों के चंगुल से बचने के लिए वह लगातार भारत और विदेश में अपना ठिकाना बदल रही थी।

दोनों दिल्ली के मूलनिवासी

एसीपी अरविंद कुमार, इंस्पेक्टर अरुण सिंधु केके शर्मा के नेतृत्व में एसआई राहुल गर्ग, एएसआई रविंदर सिंह, शशिकांत, हवलदार गौरव त्यागी, अवधेश शर्मा व सीमा की टीम ने मुंबई की एक हाई एंड सोसाइटी में छापेमारी कर सोना बंसल को गिरफ्तार किया। उसके पति अतुल बंसल के बारे में पता लगाया जा रहा है। दोनों दिल्ली के मूल निवासी हैं। इन्होंने जाली दस्तावेजों पर अपने नाम सुलोचना और अरुण गुप्ता रख लिया था। उक्त पहचान से दोनों वहां रह रहे थे।

1500 रुपये के घोटाले में शामिल है दंपती

दोनों पति-पत्नी 1500 करोड़ रुपये के गुरुग्राम-मानेसर औद्योगिक माडल टाउनशिप भूमि हड़पने का घोटाला सहित कई हाईप्रोफाइल सफेदपोश आर्थिक अपराधों में वांछित थे। दोनों अपने बेटे आदित्य बिल्ड वेल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड नाम पर बनी बिल्डर फर्म के निदेशक थे। प्रवर्तन निदेशालय ने मानेसर पुलिस स्टेशन, गुरुग्राम में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लान्ड्रिंग के तहत जांच की थी और उसके बाद सीबीआइ की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भी हरियाणा सरकार के सेवक और अन्य व्यक्ति के खिलाफ जांच शुरू की थी।

किसानों की जमीनें हड़पी

प्रवर्तन निदेशालय द्वारा एबीडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के निदेशक अतुल बंसल और सोना बंसल सहित कई अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। ईडी ने जांच में पाया कि बिल्डरों व निजी संस्थाओं ने किसानों और भूमि धारकों को उनकी जमीन के अधिग्रहण का भय दिखाकर मामूली दरों पर जमीन हड़प ली थी।

कमाया भारी मुनाफा

आरोपितों पर विश्वास करने और अधिग्रहण के लिए अपनी भूमि खोने के डर से किसानों और भू-धारकों ने अपनी भूमि निजी संस्थाओं को बेच दी थी। उन्होंने उसे विभिन्न बिल्डरों को बेच दिया था, जिन्होंने लाइसेंस प्राप्त किया और धोखाधड़ी से भारी मुनाफा कमाया। अधिकांश भूमि पार्सल एबीडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड समूह द्वारा खरीदे गए थे, जिन्हें अतुल बंसल, सोना बंसल व अन्य द्वारा नियंत्रित किया गया था।

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लाइसेंस प्राप्त करने के बाद एबीडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने कुछ निजी व्यक्तियों व डेवलपर्स को लाइसेंस व बिना लाइसेंस वाली जमीनें और बिल्डिंग लाइसेंस बेच दिया और इस तरह अप्रत्याशित मुनाफा कमाया। सीबीआई ने सितंबर 2015 में आरोपितों के खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज कराया था।

1600 करोड़ की जमीन 100 करोड़ में खरीदी

आरोप लगाया गया था कि निजी बिल्डरों ने हरियाणा सरकार के कुछ लोक सेवकों की मिलीभगत से किसानों और भू-स्वामियों से लगभग 400 एकड़ जमीन खरीदी थी। गुरुग्राम जिले के विभिन्न गांवों के औने-पौने दामों पर। उस समय जमीन की कीमत करीब 1600 करोड़ रुपये आंकी गई थी, लेकिन उसे बिल्डरों ने करीब 100 करोड़ रुपए में ही खरीद लिया था। 2018 में सीबीआई पंचकुला कोर्ट द्वारा उक्त मामले में दंपती को भगोड़ा घोषित किया था।

पूछताछ में सोना बंसल ने बताया है कि उसके पति अतुल बंसल की हाल ही में मृत्यु हो गई है, जिसकी पुष्टि की जा रही है क्योंकि न तो इसका कोई सबूत है और न ही वह उसकी मृत्यु के संबंध में कोई दस्तावेज पेश की। भूमि घोटाले के अलावा इसकी फर्म ने अपनी किसी भी परियोजना को दिल्ली-एनसीआर में खरीदारों को नहीं दिया। इस संबंध में एबीडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के खिलाफ धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज किए गए थे। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा कई मामलों की जांच कर रही है।

Edited By: Geetarjun