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Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव में किसके साथ जाएंगे अरविंद केजरीवाल?

Presidential Election 2022 आम आदमी पार्टी राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को समर्थन करेगी यह तकरीबन नामुमकिन है क्योंक दोनों पार्टियों के बीच राजनीतिक घमासान तेज है। ऐसे में वह तीसरे मोर्च का साथ देने का विकल्प भी अपना सकती है।

By Jp YadavEdited By: Published: Fri, 10 Jun 2022 03:51 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jun 2022 03:52 PM (IST)
Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव में किसके साथ जाएंगे अरविंद केजरीवाल? पढ़िये- एक्सपर्ट की राय

नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। Presidential Election 2022 : आगामी 2 महीनों के दौरान देश को अगला राष्ट्रपति मिल जाएगा। चुनाव आयोग के कार्यक्रम के मुताबिक, अगले सप्ताह 15 जून से नामांकन शुरू होगा और 18 जुलाई को मतदान होगा। इसके तीन दिन बाद 21 जुलाई को मतगणना होगी। कुलमिलाकर जुलाई के अंतिम सप्ताह में देश को अगला राष्ट्रपति हर हाल में मिल जाएगा। 

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चुनाव आयोग के ऐलान के बाद राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में भी सक्रियता बढ़ गई है। राजनीतिक मतभेदों के चलते किसी एक नाम पर सहमति बननी तकरीबन नामुमकिन है, ऐसे में चुनाव होना तय है। 

ऐसी स्थिति में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार के खिलाफ विपक्ष भी उम्मीदवार उतारेगा। ऐसे में कुछ ऐसे राजनीतिक दल जो न कांग्रेस के साथ हैं और ना भाजपा के साथ, उनके सामने धर्मसंकट जैसी स्थिति होंगी। इनमें दिल्ली और पंजाब में सत्तासीन आम आदमी पार्टी भी है। 

सवाल यह है कि आम आदमी पार्टी के वोट किधर जाएंगे? इसको लेकर अभी से चर्चा तेज हो गई है। माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के मुखिया शायद ही भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में समर्थन दें, क्योंकि AAP-भाजपा में मतभेद चरम पर हैं। रही सही कसर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी ने पूरी कर दी।

कांग्रेस के साथ जाने में सहज नहीं आम आदमी पार्टी

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी लगातार भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों पर बराबर हमलावर है। आगामी कुछ महीनों के दौरान हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं। गुजरात में जहां भारतीय जनता पार्टी सत्ता में है, तो हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में है। चुनाव प्रचार में AAP दोनों राज्यों में सत्तासीन दलों पर जमकर हमला करने वाली है। ऐसे में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी का कांग्रेस अथवा भाजपा के सहज नहीं होगा। 

कांग्रेस और भाजपा के बीच सामने आ सकता है तीसरा मोर्चा

कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ कांग्रेस के उम्मीदवार पर एक राय नहीं बनी तो तीसरा मोर्चा बनाकर ममता बनर्जी भी राष्ट्रपति चुनाव में अपना उम्मीदवार खड़ा कर सकती हैं।

ममता का साथ दे सकते हैं अरविंद केजरीवाल

इसमें कोई संशय नहीं है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के बीच अच्छे रिश्ते हैं। कांग्रेस और भाजपा के इतर ममता के सौजन्य से तीसरे मोर्चे का उम्मीदवार उतारा गया तो अरविंद केजरीवाल अपनी सहमति दे सकते हैं। 

कहा जा रहा है कि काफी समय से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और आम आदमी पार्टी (आप) जैसी पार्टियां राष्ट्रपति चुनाव में सर्वसम्मति से एक गैर-कांग्रेसी उम्मीदवार को मैदान में उतारने की रणनीति में जुटी हैं। राष्ट्रपति के उम्मीदवार की चयन रणनीति में तृणमूल कांग्रेस व आप को तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और समाजवादी पार्टी (सपा) जैसी पार्टियों का भी साथ मिलने की संभावना है।

बता दें मई महीने के पहले सप्ताह में दिल्ली में न्यायाधीशों के सम्मेलन में शामिल होने के लिए तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी अपने एक दिवसीय दिल्ली दौरे के दौरान किसी अन्य राजनीतिक नेता से न मिलकर सिर्फ आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल के साथ मिलीं थीं। इस संक्षिप्त मुलाकात में दोनों नेताओं ने राष्ट्रपति चुनाव की संभावित रणनीति पर विचार-विमर्श किया था।

शरद पवार पर भी बन सकती है बात

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनने के लिए राजी हो जाते हैं तो किसी विपक्षी दल के विरोध का सवाल ही नहीं उठता। इस दिग्गज नेता के राजनीतिक अनुभव और कद को देखते हुए टीएमसी से लेकर कांग्रेस तक हर कोई उनका समर्थन करेगा। यदि पवार खड़े नहीं होते हैं तो आप के साथ टीएमसी कांग्रेस खेमे के बाहर से एक राजनीतिक नेता या एक गैर-राजनीतिक व्यक्ति (दिवंगत एपीजे अब्दुल कलाम की तरह) को मैदान में उतारने की कोशिश करेगी। अगर शरद पवार उम्मीदवार बनते हैं तो कांग्रेस समेत अन्य दल भी राजी हो सकते हैं, जिनमें आम आदमी पार्टी भी शामिल है।

यह भी जानें

  • राष्ट्रपति चुनाव 2022 में कुल 4809 सांसद और विधायक मतदान करेंगे। इनमें नमें 776 सांसद और 4033 विधायक हैं।
  • 24 जुलाई को खत्म हो रहा है मौजूदा राष्ट्रपति का कार्यकाल
  • मतदान 18 जुलाई को होगा। 
  • मतों की गणना 21 जुलाई को होगी। उसी दिन देर शाम तक नतीजे भी घोषित कर दिए जाएंगे।
  • नामांकन की प्रक्रिया 15 जून से शुरू होगीऔर अंतिम तारीख 29 जून है।
  • नाम वापस लेने की तारीख दो जुलाई होगी।
  • 2017 में राष्ट्रपति चुनाव का एलान सात जून को हुआ था और मतदान 17 जुलाई और मतों की गिनती 20 जुलाई को हुई थी।
  • राष्ट्रपति चुनाव के दौरान राजनीतिक दल वोटिंग के लिए किसी तरह से व्हिप जारी नहीं कर सकेंगे।
  • चुनाव में आयोग की पेन का ही होगा इस्तेमाल
  • राष्ट्रपति का चुनाव सीक्रेट बैलेट के जरिए होगा।
  • सांसद लोकसभा परिसर में तो विधायक अपने विधानसभा परिसर में डालेंगे वोट

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