Kisan Andolan: दिल्ली बार्डर कब खाली करेंगे किसान? संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक में होगा फैसला
Kisan Andolan News संयुक्त किसान मोर्चा ( Sanyukt Kisan Morcha) के यूपी गेट प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा जल्द ही बैठक करके अगले कदम की घोषणा करेगा। उसी के आधार पर काम किया जाएगा।
नई दिल्ली/गाजियाबाद [अवनीश मिश्र]। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस पर लोगों के साथ किसान प्रदर्शनकारी भी खुश हैं। वहीं, आंदोलन की आगामी रणनीति को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक शनिवार को आयोजित होगी। इसमें दिल्ली-एनसीआर के बार्डर पर धरना प्रदर्शन जारी रखने या फिर खत्म करने का भी फैसला होगा।
वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा के यूपी गेट प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा बैठक में अगले कदम की घोषणा करेगा। उसी के आधार पर काम किया जाएगा। कुलमिलाकर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में इस पर फैसला लिया जा सकता है कि दिल्ली-एनसीआर के चारों बार्डर (शाहजहां, टीकरी, सिंघु और गाजीपुर) से कब प्रदर्शकारी हटेंगे? दरअसल, सिंघु, टीकरी, शाहजहांपुर की तरह यूपी गेट पर फिलहाल संयुक्त किसान मोर्चा का कोई भी बड़ा पदाधिकारी मौजूद नहीं है। सिर्फ जिला स्तर के पदाधिकारी यहां पर हैं। उन्हें संयुक्त किसान मोर्चा के निर्णय का इंतजार है। जहां तक किसान प्रदर्शनकारियों की बात है तो बार्डर पर सामान्य दिनों की भांति लंगरों में खाना तैयार किया जा रहा है। सभी तंबू, चेकपोस्ट और मंच यथावत है। किसान एकता जिंदाबाद के नारे लगाए जा रहे हैं।
वहीं, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम उस दिन का इंतजार करेंगे, जब कृषि कानूनों को संसद में रद किया जाएगा। इसके साथ ही किसान नेता ने यह भी कहा कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करे। बता दें कि राकेश टिकैत फिलहाल मुंबई में है। उन्होंने ट्वीट करके उक्त बातें कही हैं।
करीब सालभर से चल रहा है प्रदर्शन
तीनों कृषि कानूनों के विरोध में यूपी गेट पर 28 नवंबर 2020 से प्रदर्शन चल रहा है। प्रदर्शनकारियों का राष्ट्रीय राजमार्ग नौ, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे और सर्विस रोड की दिल्ली जाने वाली सभी लेन व फ्लाईओवर के नीचे कब्जा है। कोई भी यहां से होकर दिल्ली नहीं जा पा रहा है। दिल्ली जाने के लिए लोगों अन्य सीमाओं का प्रयोग करना पड़ रहा है। इससे उन्हें दिक्कत होती है। अब प्रदर्शन खत्म होने की संभावना बन गई है।
यूपी गेट पर धरना-प्रदर्शन एक नजर में
- यूपी गेट पर 28 नवंबर 2020 से धरना-प्रदर्शन चल रहा है।
- एक दिसंबर 2020 तक प्रदर्शनकारियों का फ्लाईओवर के नीचे कब्जा था।
- दो दिसंबर 2020 से उत्तराखंड से आए किसानों ने फ्लाईओवर के ऊपर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे, राष्ट्रीय राजमार्ग-नौ और सर्विस रोड की दिल्ली जाने वाली लेनों पर कब्जा कर लिया।
- दो दिसंबर 2020 को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर मुख्य मंच बना दिया।
- खोड़ा के पास हाईवे पर अपना चेकपोस्ट बना दिया।
- दो दिसंबर 2020 से कोई भी व्यक्ति यूपी गेट होकर दिल्ली नहीं जा पा रहा है।
- 24 जनवरी 2021 को दिल्ली जाने और आने वाले सभी रास्ते बंद किए गए।
- 26 जनवरी 2021 को ट्रैक्टर मार्च के लिए दिल्ली जाने के लिए हाईवे खोला गया।
- 26 जनवरी 2021 को ट्रैक्टर मार्च के दौरान उपद्रव हुआ तो दिल्ली जाने और आने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए गए।
- 15 मार्च 2021 को दिल्ली से आने वाला हाईवे खोला गया।
- 29 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस ने अपने बैरिकेड हटाना शुरू किया।
हर दिन प्रभावित वाहनों की संख्या
बाहरी वाहन - 1.10 लाख
स्थानीय वाहन - 90 हजार
ईंधन की बर्बादी - तीन लाख लीटर
वाहन चालकों को होने वाली दिक्कत
- तीन से 10 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है।
- प्रति वाहन प्रतिदिन 50 रुपये अतिरिक्त ईंधन का खर्च बढ़ गया है।
- 60 मिनट प्रतिदिन अतिरिक्त समय लग रहा है।
- अतिरिक्त वाहनों की आवाजाही से आंतरिक सड़कें खराब हो गई हैं।
- इंदिरापुरम, वैशाली, कौशांबी और खोड़ा की आंतरिक सड़कें जाम रहती हैं।
रूट डायवर्जन
- हापुड़ की ओर से यूपी गेट की ओर आने वाले वाहनों को डासना पुल, हापुड़ चुंगी, एएलटी राजनगर एक्सटेंशन, रोटरी गोलचक्कर, नागद्वार होते हुए भोपुरा सीमा से दिल्ली भेजा जा रहा है।
- जल निगम पुलिस चौकी से मेरठ तिराहा, मोहन नगर से आने वाले वाहनों को सीमापुरी सीमा से दिल्ली भेजा जा रहा है।
- मोहन नगर से यूपी गेट जाने वाले वाहन डाबर तिराहा से महाराजपुर सीमा से दिल्ली भेजा जा रहा है।
- छिजारसी, नोएडा सेक्टर-62, राहुल विहार अंडरपास, खोड़ा अंडरपास से आने वाले सभी वाहन नोएडा की ओर से दिल्ली भेजा जा रहा है।
यूपी गेट पर इस तरह है कब्जा
- बड़े टेंट - 25
- मझले टेंट - 80
- लंगर - 27
- टेंटों के किनारे ईंट-सीमेंट से करीब एक-डेढ़ फीट ऊंची दीवार
- फुटपाथ पर पानी की टंकियां और शौचालय रखे हैं।
प्रमुख हादसे :
- एक जनवरी 2021 - बागपत के प्रदर्शनकारी गलतान सिंह की मौत हो गई।
- दो जनवरी 2021 - रामपुर जिले के 70 वर्षीय प्रदर्शनकारी कश्मीर सिंह ने शौचालय में फांसी लगाई।
- सात जनवरी 2021 - स्टंट के दौरान पलटा ट्रैक्टर।
- 30 जून 2021 - उत्तर प्रदेश के भाजपा प्रदेश मंत्री अमित बाल्मिकी के काफिले पर प्रदर्शनकारियों ने हमला किया।
सुरक्षा - व्यवस्था
- पूरे क्षेत्र को सात जोन व 13 सेक्टर में बांटा गया है।
- पुलिस महानिरीक्षक मेरठ रेंज प्रवीण कुमार खुद मोर्चा संभाल चुके हैं।
- जिला अधिकारी राकेश सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पवन कुमार हर गतिविधि पर नजर बनाए हैं।
- अन्य जिलों के छह अधिकारियाें को यहां संबद्ध किया गया है।
- चार कंपनी पीएसी तैनात है।
- खुफिया विभाग की टीमें सक्रिय हैं।
- एटीएस की टीम जायजा ले चुकी है।
- अग्निशमन विभाग की टीमें तैनात हैं।
- सीसीटीवी कैमरों से भी नजर रखी जा रही है।
प्रदर्शनकारियों की संख्या
- 28 नवंबर 2020 को तीन सौ प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन शुरू किया।
- एक दिसंबर 2020 की रात उत्तराखंड के करीब तीन सौ प्रदर्शनकारी पहुंचे।
- 10 दिसंबर 2020 को प्रदर्शनकारियों की संख्या पांच हजार पहुंची।
- 24 जनवरी 2021 को प्रदर्शनकारियों की संख्या 25 हजार तक पहुंची।
- 27 जनवरी 2021 को प्रदर्शनकारियों की संख्या घटनी शुरू हुई।
- 10 फरवरी 2021 को प्रदर्शनकारियों की संख्या दो हजार तक पहुंच गई।
- 20 मार्च 2021 को प्रदर्शनकारियों की संख्या एक हजार तक पहुंच गई।
- 30 अप्रैल 2021 से प्रदर्शनकारियों की संख्या नाममात्र के तीन-चार सौ के बीच में चल रही है।