2012 Nirbhaya case: क्या एक फरवरी को हो पाएगी चारों को फांसी, अब भी बचे ये दो विकल्प !
2012 Delhi Nirbhaya case अब भी दो दोषियों अक्षय सिंह ठाकुर और पवन कुमार गुप्ता के पास क्यूरेटिव पेटिशन और राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर किया जाना बाकी है।
नई दिल्ली, जेएनएन। 2012 Delhi Nirbhaya case : 16 दिसंबर, 2012 को निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में चारों दोषियों मुकेश सिंह, अक्षय सिंह ठाकुर, विनय कुमार शर्मा और पवन कुमार गुप्ता की फांसी के लिए नया डेथ वारंट जारी हुआ है। वहीं, सवाल उठने लगा है कि क्या नियमानुसार चारों दोषियों को एकसाथ फांसी दी जा सकेगी, क्योंकि अब भी दो दोषियों अक्षय सिंह ठाकुर और पवन कुमार गुप्ता के पास क्यूरेटिव पेटिशन और राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर किया जाना बाकी है।
निर्भया के दोषियों को नया डेथ वारंट, एक फरवरी को फांसी
शुक्रवार को दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने एक फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी देने के लिए नया वारंट जारी किया, जो कि तिहाड़ जेल भेज दिया गया। यह आदेश दोषी मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा खारिज करने के बाद दिया गया है। मुकेश ने अदालत में भी अर्जी देकर फांसी का दिन बदलने की मांग की थी, क्योंकि उसकी दया याचिका विचाराधीन थी। गुरुवार को मुकेश की अर्जी पर बहस के बाद सुनवाई शुक्रवार के लिए टाल दी थी।
अभी दोषियों की क्यूरेटिव और दया याचिका बाकी
निर्भया मामले में दोषी अक्षय और पवन ने अभी तक क्यूरेटिव पीटिशन (उपचारात्मक याचिका) दायर नहीं की है। ऐसे में दोनों याचिका दायर कर सकते हैं। यदि क्यूरेटिव पीटिशन खारिज होती है तो इसके बाद इनके पास दया याचिका दायर करने का विकल्प होगा। दोषी विनय की क्यूरेटिव पीटिशन खारिज हो चुकी है, लेकिन उसने अभी तक दया याचिका दायर नहीं है। वहीं दिल्ली जेल मैन्युअल के अनुसार, किसी अपराध के लिए जब दोषियों को एक साथ डेथ वारंट जारी होता है, तो उन्हें फांसी भी एक ही साथ देनी पड़ती है।
...इसलिए जारी हुआ नया डेथ वारंट
निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में चारों दोषियों के खिलाफ फिर से डेथ वारंट जारी हुआ है, तो वहीं तिहाड़ जेल प्रशासन और लोक अभियोजक इरफान अहमद ने शुक्रवार को अदालत से कहा कि दोषियों के खिलाफ ताजा डेथ वारंट जारी किया जाए, क्योंकि दोषी मुकेश की दया याचिका खारिज हो चुकी है। उन्होंने अदालत में एक दस्तावेज दाखिल कर बताया कि जेल प्रशासन ने मुकेश को उसकी दया याचिका खारिज होने के बारे में बता दिया है। इससे पहले अदालत ने 7 जनवरी को डेथ वारंट जारी किया था, जिसमें 22 जनवरी को सुबह सात बजे फांसी देने का आदेश था। वहीं मुकेश की अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने अदालत में अर्जी दायर की है, जिसमें मांग की गई है कि जेल प्रशासन उन्हें जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराए, ताकि दया याचिका निरस्त होने के बाद कानूनी उपाय किए जा सकें।
दोषी पवन पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
निर्भया कांड के चार दोषियों में से एक पवन कुमार गुप्ता ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया। उसने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दिसंबर 2012 में अपराध के समय उसके किशोर होने के दावे को खारिज किए जाने को चुनौती दी है। उसने हाई कोर्ट के 19 दिसंबर के उस आदेश को भी चुनौती दी है, जिसमें उसके वकील को फर्जी दस्तावेज पेश करने और अदालत में हाजिर नहीं होने पर जुर्माना लगाया गया था।