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जब महिला ने कहा 'आप कौन से केजरीवाल?' पढ़िए- यह स्टोरी और जानिये पूरा मामला

लोगों को प्लाज्मा दान करने के लिए प्रेरित करने के दौरान ऐसा वाक्या हुआ जिससे सभी हैरान हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 02:20 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 02:29 PM (IST)
जब महिला ने कहा 'आप कौन से केजरीवाल?' पढ़िए- यह स्टोरी और जानिये पूरा मामला

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आजकल प्लाज्मा दान करवाने के लिए एक मुहिम चला रहे हैं। दिन में जब भी समय मिलता है कोरोना से ठीक हो चुके लोगों की लिस्ट देखकर उन्हें फोन करते हैं। फोन पर बोलते हैं, नमस्कार, मैं अरविंद केजरीवाल बोल रहा हूं। सुनने वाले को लगता है कि यह रिकॉर्डेड कॉल है। मगर जब केजरीवाल कहते हैं कि क्या मेरी आवाज आप तक पहुंच रही है तो लोगों को विश्वास होता है कि मुख्यमंत्री ने उन्हें फोन किया है। पर कुछ लोगों को फिर भी विश्वास ही नहीं होता है मुख्यमंत्री ने उन्हें फोन किया है। गत दिनों फोन करने पर एक महिला ने उनसे पूछा कि आप कौन से केजरीवाल ? अरविंद केजरीवाल तो हमारे मुख्यमंत्री हैं। तब वह कहते हैं कि मैं आपका मुख्यमंत्री बोल रहा हूं। उनके फोन पर लोग खुशी-खुशी प्लाज्मा दान करने पर तैयार हो जा रहे हैं।

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सरकारी जमीन को मुक्त कराने के लिए विधायक जी पीट रहे थाली

किसी गलत कार्य का विरोध करने के कई तरीके हैं। मगर ग्रेटर कैलाश से आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कालकाजी डीडीए फ्लैट में सरकारी जमीन पर कब्जा कर किए गए अवैध निर्माण का विरोध करने का नया तरीका निकाला। उनके नेतृत्व में इलाके के कई लोगों ने गत दिनों हो रहे निर्माण के सामने थाली बजाकर विरोध किया। लोग वहां जुटे और थाली बजाई। सौरभ भारद्वाज का कहना है कि इलाके के निगम पार्षद व इस बार बनाए गए उपमहापौर सुभाष भड़ाना इस गलत कार्य को संरक्षण दे रहे हैं और दबाव बनाकर नगर निगम को कार्रवाई नहीं होने दे रहे हैं। वहीं भड़ाना का कहना है कि उनका इस मामले से कोई लेना देना नहीं है। नगर निगम निर्माण को तोड़े। बहरहाल, नगर निगम इस निर्माण को तोड़ने की अभी हिम्मत नहीं जुटा पाया है। मगर विरोध प्रदर्शन के तरीके को लेकर यह मामला चर्चा का विषय जरूर बना हुआ है।

कोरोना ने कम की गृह मंत्रालय से प्लेयर्स बिल्डिंग की दूरी

कोरोना महामारी ने कई खराब अनुभव दिए हैं। मगर एक अनुभव ऐसा भी है कि उसकी सभी जगह चर्चा हो रही है। वह यह है कि इसने लोगों को एकजुट होना सिखा दिया। विषम परिस्थितियों में भी लोगों ने अपनी जान की परवाह किए बिना दूसरों की मदद की। वहीं विपरीत विचारधारा के चलते सदैव केंद्र व दिल्ली के बीच रहने वाली तनातनी इस दौरान गायब हो गई। दोनों ओर से व्यवहार में भी काफी बदलाव आया। मुख्यमंत्री केजरीवाल अपनी सरकार और नेताओं के साथ ही नहीं, बल्कि प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा के नेताओं के साथ भी लगातार संवाद करते रहे। वह भाजपा के सांसदों और विधायकों को विश्वास में लेने का प्रयास करते रहे। वहीं मुख्यमंत्री केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भी संपर्क में रहकर मदद मांगते रहे। मदद उन्हें लगातार मिलती भी रही। ऐसे में प्लेयर्स बिल्डिंग स्थित केजरीवाल के कार्यालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय की दूरी कोरोना काल में काफी कम हो गई।

किसी की जान बचाने का जज्बा

प्रचार अगर इसलिए किया जा रहा है कि हम किसी की जान बचाने का जरिया बन सकें तो इसमें कोई बुराई नहीं है। गत दिनों मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के कार्यालय के कुछ लोग कोरोना पॉजिटिव आ गए। इन लोगों का इलाज हुआ, घर में 14 दिन तक क्वारंटाइन रहे और ठीक हो गए। ये लोग जब क्वारंटाइन थे, उसी समय मुख्यमंत्री ने ठीक हो चुके लोगों से प्लाज्मा दान करने की अपील की। इन सभी ने क्वारंटाइन में रहते हुए ही घोषणा कर दी कि वे प्लाज्मा दान करेंगे। घोषणा करने वालों में मुख्यमंत्री कार्यालय से संबद्ध अक्षय मराठे, उपमुख्यमंत्री कार्यालय से संबद्ध अभिनंदिता थीं तो आम आदमी पार्टी नेता और कालकाजी से विधायक आतिशी भी शामिल थीं। कोरोना से ठीक हो जाने पर इन लोगों ने स्वयं ही अस्पताल से संपर्क कर प्लाज्मा दान करने की इच्छा जताई। डॉक्टरों की अनुमति पर सभी ने प्लाज्मा दान किया। मुख्यमंत्री ने इनके कार्य की सराहना की।


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