जेल में सुरक्षा के क्या हैं इंतजाम, कितने लगे हैं सीसीटीवी कैमरा; जानेंगे आंकड़ों की जुबानी
तिहाड़ जेल की बागडोर दिल्ली सरकार के हाथ में है ऐसे में वहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं हो सके हैं? वहां लगातार सुरक्षा का जायजा क्यों नहीं लिया जाता? ऐसी घटनाएं सबसे बड़ी जेल की साख पर भी सवाल खड़ा करती हैं?
नई दिल्ली, जेएनएन। हाल ही में मुकेश अंबानी के मुंबई अंटीलिया निवास पर विस्फोटक पाए जाने के मामले के तार तिहाड़ जेल से जुड़े पाए गए। इसी तरह इजरायली दूतावास पर धमाके में भी इसी जेल का कनेक्शन मिला। दोनों ही मामलों में जेल संख्या आठ में बंद आतंकी तहसीन की संलिप्तता पाई गई। उसके पास से दो मोबाइल भी बरामद किए गए हैं।
सुरक्षा एजेंसी को जांच में इसका सीधा कनेक्शन भी मिला। इससे पूर्व में भी लगातार दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी इस जेल में हत्या होना, हथियारों का पहुंचना, आतंकी घटनाओं से कनेक्शन, मर्डर की साजिश रचना जैसी तमाम घटनाएं होती रही हैं। अंदर बैठे आतंकी कैदियों का बड़े घटनाक्रमों से तार जुड़ना, उनसे मोबाइल व सिम मिलना तो यहां के लिए आम घटना हो गई हैं। ऐसे में देश की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली जेल कठघरे में खड़ी नजर आती है।
यह बात और ज्यादा चौंकाती है कि जेल संख्या आठ व नौ में जहां देश के कई बड़े गैंगस्टर को रखा गया है सबसे अधिक वारदात को वहीं से अंजाम दिया जा रहा है। आखिर कैदियों के पास ऐसी सुविधाएं कैसे पहुंच रही हैं, उन्हें जेल में साजिश रचने का सुलभ माहौल कौन दे रहा है? तिहाड़ जेल की बागडोर दिल्ली सरकार के हाथ में है, ऐसे में वहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं हो सके हैं? वहां लगातार सुरक्षा का जायजा क्यों नहीं लिया जाता? ऐसी घटनाएं सबसे बड़ी जेल की साख पर भी सवाल खड़ा करती हैं? आखिर कौन है इसके लिए जिम्मेदार? कैसे दुरुस्त हो जेल का सिस्टम? इसी की पड़ताल हमारा आज का मुद्दा है :
तिहाड़ जेल का ढांचा
- तीन जेल परिसर हैं दिल्ली में : तिहाड़, रोहिणी व मंडोली
- नौ जेल हैं तिहाड़ में, आठ परिसर में बंटी हैं।
- आठ व नौ जेल संख्या संयुक्त बैरक है। जिसका दायित्व एक अधीक्षक के जिम्मे है।
- एक जेल है रोहिणी में
- छह जेल हैं मंडोली में
- 16 जेल हैं कुल दिल्ली में
कैदियों के पास 4जी, सुरक्षा के नाम पर 2जी: दिल्ली-एनसीआर की जेलों में सुरक्षा कितनी चाक-चौबंद है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जेल में बंद होने के बावजूद अपराधियों की हत्या, फिरौती और अन्य वारदात की साजिश में संलिप्तता पाई जाती है। गिरोह का संचालन करते हैं। प्रतिबंध के बावजूद उन्हें जेल में 4जी मोबाइल और सिम कार्ड तक उपलब्ध हो जाते हैं। 4जी के जमाने में 2जी जैमर नाकाफी हैं। अपराधी उसी का लाभ उठाते हैं जेल में सुधरने के बजाय वहीं से आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं। जेल में सुरक्षा के क्या हैं इंतजाम, कितने लगे हैं सीसीटीवी, जैमरों की क्या है स्थिति, कैसा है सालाना बजट जानेंगे आंकड़ों की जुबानी :
जेलों में कर्मचारियों की संख्या
- बंद हाई प्रोफाइल कैदी
- छोटा राजन, शहाबुद्दीन, इंडियन मुजाहिद्दीन का आतंकी तहसीन अख्तर, गैंगस्टर नीरज बवानिया जैसे हाई प्रोफाइल कैदी बंद हैं
हाई प्रोफाइल कैदियों के पास मिलते हैं मोबाइल
2021 : इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी तहसीन अख्तर के सेल में मोबाइल बरामदगी का पहला मामला सामने आया।
2020 : तीन मोबाइल बरामद हुए थे।
2019 : तिहाड़ में बंद हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के सेल से मोबाइल व चार्जर बरामद हुआ।
गुरुग्राम जेलों में सुरक्षा व्यवस्था
- त्रिस्तरीय सुरक्षा है गेट से लेकर परिसर तक
- 270 सुरक्षा कर्मी के हवाले सुरक्षा की जिम्मेदारी
लापरवाही
दो साल में छह सुरक्षा कर्मी व एक डिप्टी जेलर जेल में मादक पदार्थ व मोबाइल पहुंचाने के आरोप में हो चुके हैं गिरफ्तार
नोएडा में जेल कर्मचारियों की है भारी कमी
- 425 कर्मचारियों की है आवश्यकता
- 75 कर्मचारी ही हैं वर्तमान में
- एक जेलर व तीन डिप्टी जेलर की है कमी
फरीदाबाद की स्थिति
- 300 से अधिक कर्मी जेल की सुरक्षा व अन्य व्यवस्था में रहते हैं तैनात
- कैदियों से मुलाकात के लिए अलग से बनाया गया है हाल