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दिल्ली के इंदिरा गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में मिलेगी उच्च स्तरीय इलाज की सुविधाएं, जानिए और क्या होगा खास

चिकित्सा निदेशक डा. बृजेश कुमार ने बताया कि संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए अस्पताल पूरी तरह से तैयार है। जरूरत के अनुरूप इंटरव्यू के आधार पर नए स्वास्थ्य कर्मचारियों की भर्तियां भी की जा रही है। इसके अलावा अन्य अस्पतालों से कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 04:36 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 04:36 PM (IST)
दिल्ली के इंदिरा गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में मिलेगी उच्च स्तरीय इलाज की सुविधाएं, जानिए और क्या होगा खास
दो आक्सीजन स्टाेरेज टैंक व पांच पीएसए प्लांट लगाने का कार्य जारी

नई दिल्ली [मनीषा गर्ग]। दूसरी लहर के दौरान उच्च संक्रमण दर और तेजी से जारी टीकाकरण अभियान, इन दोनों ही पहलूओं को मद्देनजर रखते हुए चिकित्सा विशेषज्ञों का अनुमान है कि भारत में तीसरी लहर के दस्तक देने की संभावना काफी कम है। पर एहतियात के तौर पर सभी अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्थाएं की जा रही है। पश्चिमी दिल्ली के अंतर्गत सभी सरकारी अस्पतालों में पीएसए (प्रेशर स्विंग एडसरप्शन) प्लांट, आक्सीजन स्टोरेज टैंक, आइसीयू बेड, पीडियाट्रिक आइसीयू बेड व दवाओं का प्रबंध करने की दिशा में काम शुरू हो चुका है। पर कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर के लिए द्वारका सेक्टर-9 स्थित इंदिरा गांधी अतिविशिष्ट अस्पताल (indira gandhi super speciality hospital dwarka) पश्चिमी दिल्ली का सबसे बड़ा कोविड केयर सेंटर होगा। यहां सितंबर माह के अंत तक 1,241 आक्सीजन बेड को शुरू करने का लक्ष्य तय किया गया है और जरूरत के अनुरूप इन बेड की संख्या को बढ़ाने के लिए भी अस्पताल प्रशासन सशक्त है।

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फिलहाल यहां 380 बेड का कोविड वार्ड, 88 बेड का आईसीयू वार्ड, 20 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू वार्ड व 30 बेड का पीडियाट्रिक वार्ड तैयार है। हालांकि अभी संक्रमण दर कम होने के कारण कोरोना के मामले न के बराबर है।

आक्सीजन के लिए होगा आत्मनिर्भर

दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन की किल्लत के कारण घहराएं संकट को ध्यान में रखते हुए तीसरी लहर से पूर्व सभी अस्पतालों को आक्सीजन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का काम जोर-शोर से शुरू हो चुका है। न सिर्फ सरकारी बल्कि निजी अस्पताल भी इस दिशा में प्रयासरत है। तीसरी लहर के लिए विशेष रूप से तैयार हो रहे इंदिरा गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल परिसर में 50 मीट्रिक टन और 20 मीट्रिक टन क्षमता युक्त आक्सीजन स्टोरेज प्लांट लगाने की कवायद शुरू हो चुकी है। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक आगामी दो हफ्तों के भीतर प्लांट लगाने का कार्य संपन्न हो जाएगा। साथ ही अस्पताल में 500 लीटर प्रति मिनट क्षमता युक्त पांच पीएसए प्लांट लगाने का कार्य भी प्रगति पर है।

कोरोना जांच व फ्लू क्लीनिक की सुविधा शुरू

कोरोना संक्रमण दर पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए अस्पताल परिसर में कोरोना जांच व फ्लू क्लीनिक की सुविधा को शुरू किया गया है। सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक कोई भी व्यक्ति अस्पताल में रैपिड और आरटी-पीसीआर कोरोना जांच करा सकता है। इसके अलावा 24 घंटे फ्लू क्लीनिक की सुविधा भी जारी है। जहां मरीज उचित चिकित्सीय परामर्श व दवा प्राप्त कर सकते हैं। जहां तक टीकाकरण की बात है सुरक्षा कारणों से कोविड केयर सेंटर में टीका साइट को नहीं चलाने का निर्णय लिया गया है।

उच्च स्तरीय इलाज की सुविधाएं

तीसरी लहर को मद्देनजर रखते हुए अस्पताल में सभी जरूरी दवाओं का प्रबंध करने का कार्य शुरू हो चुका है। खास बात यह है कि दिल्ली के चुनिंदा सरकारी अस्पतालों में एक अब इंदिरा गांधी अतिविशिष्ट अस्पताल भी एक होगा जहां मोनोक्लोनल एंटीबाडी थेरेपी की व्यवस्था की गई है। अमेरिका द्वारा तैयार की गई मोनोक्लोनल एंटीबाडी के प्रयोग से ऐसे उम्रदराज व गंभीर बीमारियाें से जूझ रहे कोरोना संक्रमित मरीज जिनकी तबियत सातवें दिन के बाद गंभीर हो सकती है उनके जीवन की रक्षा करने में कारगर है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस दवा के प्रयोग से मरीज में निमोनिया बनने की संभावना को कम किया जा सकता है। महंगी होने के कारण ये दवा सभी अस्पतालों में फिलहाल उपलब्ध नहीं है।

संक्रमितों के लिए विशेष डायलिसिस यूनिट होगी शुरू

ऐसे कोरोना संक्रमित मरीज जो डायलिसिस पर है, उनके लिए भी आगामी कुछ दिनों में अस्पताल में डायलिसिस यूनिट को शुरू किया जा रहा है। यह दिल्ली का पहला अस्पताल है, जहां कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए अलग डायलिसिस यूनिट को शुरू किया जा रहा है। हालांकि यहां गैर-कोविड मरीजों के लिए भी डायलिसिस की व्यवस्था होगी और दक्षिण-पश्चिमी जिले के अंतर्गत यह पहला अस्पताल होगा जहां डायलिसिस की सुविधा को शुरू किया जा रहा है। प्राथमिक स्तर पर दस बेड से यूनिट को शुरू किया जाएगा, पर भविष्य में 40 बेड की यूनिट तैयार करने का लक्ष्य तय किया गया है।

 

चिकित्सा निदेशक डा. बृजेश कुमार ने बताया कि संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए अस्पताल पूरी तरह से तैयार है। जरूरत के अनुरूप इंटरव्यू के आधार पर नए स्वास्थ्य कर्मचारियों की भर्तियां भी की जा रही है। इसके अलावा अन्य अस्पतालों से कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। फिलहाल मामले कम है, ऐसे में कमियों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।


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