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दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में जारी रहेगा भीषण गर्मी का दौर, फिलहाल राहत की उम्मीद नहीं

रविवार को लोगों को दोपहर में लू से जूझना पड़ेगा। वहीं, अगले दो दिनों तक सूरज की तपिश से लोगों को राहत मिलने के आसार नहीं हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Sun, 27 May 2018 09:54 AM (IST)Updated: Sun, 27 May 2018 06:27 PM (IST)
दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में जारी रहेगा भीषण गर्मी का दौर, फिलहाल राहत की उम्मीद नहीं

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली-एनसीआर समेत पूरा उत्तर भारत इस समय भीषण गर्मी की चपेट में है। गर्म हवाओं के बीच तापमान जहां 45 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर गया है, वहीं इससे एक-दो दिन तक राहत मिलने की भी उम्मीद नहीं है। तपती गर्मी के दौर से रविवार को भी दिल्लीवासियों को राहत नहीं मिली। लोगों को दोपहर में लू से जूझना पड़ेगा। वहीं, अगले दो दिनों तक सूरज की तपिश से लोगों को राहत मिलने के आसार नहीं हैं।

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मौसम विभाग के मुताबिक, शनिवार को औसत तापमान 45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से पांच डिग्री अधिक था। वहीं, न्यूनतम तापमान 24.5 डिग्री सेल्सियस रहा। हालांकि, दिल्ली के पालम इलाके में अधिकतम तापमान 46.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इससे पहले 2015 में 26 मई को तापमान 46 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। वहीं, अगले दो दिनों तक तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है। साथ ही लोगों को गर्म हवाओं का भी सामना करना पड़ेगा।

वहीं, दिल्ली में चिलचिलाती धूप से आदमी से लेकर पशु-पक्षियों तक का बुरा हाल है। ताजा मामले में पशु पक्षियों का संरक्षण कर रही संस्था वाइल्ड लाइफ एसओएस ने शुक्रवार शाम प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में बेहोश होकर गिरी दो चील को बचाया।

पीएमओ से सूचना मिलने पर एसओएस की टीम मौके पर पहुंची थी। इससे पहले एक सप्ताह पूर्व प्रधानमंत्री निवास से भी एक चील बेहोश मिली थी। अकेले इस महीने में इस संस्था ने दिल्ली में 30 से अधिक पक्षियों को बचाया है, जो गर्मी से बेहोश होकर गिरे मिले थे।

संस्था के प्रबंधक वासिम अकरम ने कहा कि हम इन चील का इलाज कर रहे हैं। ठीक होने पर इन्हें जंगल में छोड़ दिया जाएगा। संस्था के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी कार्तिक सत्यनारायण ने कहा कि चील आम तौर पर ऊंचाई पर उड़ती हैं। ये तेज धूप में शिकार या पानी की खोज में उतरते समय गर्मी और थकावट के कारण जमीन पर गिर जाती हैं।


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