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Delhi Water Crisis: बूंद-बूंद पानी को तरसेंगे दिल्लीवाले, 1-2 दिनों में और बिगड़ेंगे हालात; सामने आई ये वजह

Delhi Water Shortage दिल्ली में एक बार फिर से पेयजल की कमी होने लगी है।पूरी दिल्ली में अगले 1-2 दिन में जल संकट की स्थिति और खराब हो सकती है। दिल्ली सरकार की जलमंत्री आतिशी ने हरियाणा से अपर्याप्त पानी मिलने की जानकारी देने के लिए उपराज्यपाल से आपातकालीन बैठक के लिए समय मांगा है। आतिशी ने इसे लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी को भी पत्र लिखा है।

By sanjeev Gupta Edited By: Abhishek Tiwari Sun, 09 Jun 2024 10:24 AM (IST)
Delhi Water Crisis: बूंद-बूंद पानी को तरसेंगे दिल्लीवाले, 1-2 दिनों में और बिगड़ेंगे हालात; सामने आई ये वजह
Delhi Water Crisis: बूंद-बूंद पानी को तरसेंगे दिल्लीवाले, 1-2 दिनों में और बिगड़ेंगे हालात

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने मौजूदा जल संकट को लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना से आपात बैठक करने के लिए समय मांगा है। उनका कहना है कि दिल्ली को सीएलसी और डीएसबी उप-नहरों के जरिये मुनक नहर से 1050 क्यूसेक पानी मिलना चाहिए। लेकिन वर्तमान में यह घटकर 840 क्यूसेक रह गया है। इतनी गिरावट दिल्ली की जलापूर्ति को पूरा करने में सक्षम नहीं है।

जल मंत्री ने आपात बैठक के लिए एलजी से मांगा समय

आतिशी ने एक्स पर एक पोस्ट डालकर कहा है कि दिल्ली के सात जल शोधन संयंत्र इसी पानी पर निर्भर हैं। अगर आज कल में पानी की मात्रा नहीं बढ़ी तो एक दो दिन में पूरी दिल्ली में जलापूर्ति को लेकर स्थिति बिगड़ जाएगी।

उनका कहना है कि एलजी केंद्र सरकार के प्रतिनिधि है, इसलिए उनसे इस स्थिति को बिगड़ने से रोकने व इसमें सुधार के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया जाएगा। इसके साथ ही आतिशी ने हरियाणा द्वारा मुनक कैनाल में कम पानी छोड़े जाने पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी को भी पत्र लिखा है।

दिल्ली जल बोर्ड का कहना है कि सभी डब्ल्यूटीपी अपनी क्षमता से अधिक पेयजल उपलब्ध करा रहे हैं। वजीराबाद जलाशय का स्तर कम होने से वजीराबाद डब्ल्यूटीपी से उसकी क्षमता से कम पेयजल मिल रहा है। रेनीवेल एवं ट्यूबवेल 135 एमजीडी पानी मिला रहा है। इस तरह से दिल्ली में बृहस्पतिवार को 993.44 एमजीडी पेयजल उपलब्ध हुआ।

हरियाणा से पर्याप्त पानी नहीं दिया गया तो दिल्ली में होगा गंभीर जल संकटः आतिशी

यदि हरियाणा सरकार ने दिल्ली के हिस्से का पानी नहीं छोड़ा तो अगले दो दिनों में पूरी राजधानी में जल संकट गहरा सकता है। दिल्ली सरकार की जलमंत्री आतिशी ने यह शनिवार को बवाना स्थित मूनक नहर की दो उप नहरों कैरियर लाइन नहर (सीएलसी) और दिल्ली सब ब्रांच (डीएसबी) के निरीक्षण के बाद प्रेसवार्ता में कहा। इसके साथ ही हरियाणा सरकार पर दिल्ली के हिस्से का पूरा पानी नहीं छोड़ने का आरोप लगाया।

अभी कितना पानी छोड़ता है हरियाणा?

उन्होंने कहा कि मूनक नहर के माध्यम से हरियाणा प्रतिदिन दिल्ली के लिए 1,050 क्यूसेक पानी छोड़ता है। इस समय यह कम होकर 840 क्यूसेक रह गया है। दिल्ली घरेलू उपयोग के पानी के लिए मुख्य रूप से यमुना पर निर्भर है। दिल्ली के सात जल उपचार संयंत्रों (डब्ल्यूटीपी) में यमुना का पानी आता है। इनमें वजीराबाद बैराज और मूनक नहर की दो उप-नहरें सीएलसी और डीएसबी से पहुंचता है।

पिछले वर्षों की गर्मी में हरियाणा की ओर से 1,050 क्यूसेक पानी छोड़ने पर लगभग 990 क्यूसेक दिल्ली तक पहुंचता है। दिल्ली के बवाना में लगे फ्लो मीटर के माध्यम से इसे मापा जाता है। वजीराबाद जलाशय का सामान्य जल स्तर 674.50 फीट रहना चाहिए, लेकिन कम पानी आने से यह घटकर 669 फीट पर पहुंच गया है।

सातों डब्ल्यूटीपी पूर्ण क्षमता से नहीं चल सकेंगे

मूनक नहर से दिल्ली को कम पानी मिलने से सातों डब्ल्यूटीपी अपनी क्षमता से नहीं चल सकेंगे। परिणामस्वरूप दिल्लीवासियों को कम पेयजल मिलेगा। अभी दिल्ली के कुछ हिस्सों में पानी की समस्या है।

यदि इसी तरह से कम पानी मिला तो अगले दो दिनों में पानी की समस्या और गंभीर हो जाएगी, इसलिए दिल्ली के हिस्से का पानी दिलाने में केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए। अपर यमुना रिवर बोर्ड को निगरानी करनी चाहिए।