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New Electricity Rates in Delhi: क्या दिल्ली में महंगी होगी बिजली या फिर मिलेगी राहत? नई दरों की घोषणा का इंतजार

New Electricity Rates in Delhi बिजली वितरण कंपनियों के साथ ही आम उपभोक्ताओं को भी नई दरों की घोषणा का इंतजार हैं। डिस्काम जहां घाटे का हवाला देकर बिजली की दरें बढ़ाने करने की मांग कर रही हैं। वहीं आम उपभोक्ताओं को उम्मीद है कि उन्हें कुछ राहत मिलेगी।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 26 Aug 2021 06:40 PM (IST)Updated: Thu, 26 Aug 2021 06:46 PM (IST)
बिजली की नई दरों की घोषणा का है इंतजार

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) के नए अध्यक्ष की नियुक्ति के बावजूद बिजली की नई दरों की घोषणा नहीं हो सकी है। बिजली वितरण कंपनियों (डिस्काम) के साथ ही आम उपभोक्ताओं को भी नई दरों की घोषणा का इंतजार हैं। डिस्काम जहां घाटे का हवाला देकर बिजली की दरें बढ़ाने करने की मांग कर रही हैं। वहीं आम उपभोक्ताओं को उम्मीद है कि कोरोना संकट के दौर में उन्हें कुछ राहत मिलेगी। कुछ माह बाद नगर निगम का चुनाव है इस वजह से बिजली बिल को लेकर राजनीति भी हो रही है।

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विपक्षी पार्टियां बिजली की दरों व स्थायी शुल्क में कमी करने की मांग कर रही हैं। डिस्काम और बिजली उत्पादन व वितरण से जुड़ी अन्य कंपनियों ने बिजली की दरों से संबंधित अपनी मांगें व खर्च का विवरण पिछले वर्ष दिसंबर में आयोग के पास जमा करा दिए थे। आयोग ने आम उपभोक्ताओं से इस संबंध में सुझाव मांगे थे।

कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार आयोग द्वारा आनलाइन जनसुनवाई आयोजित की गई थी। 20 अप्रैल तक यह प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी, लेकिन अब तक नई दरें घोषित नहीं हो सकी। नियम के अनुसार अप्रैल में नई दरों की घोषणा हो जानी चाहिए। उस समय सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति सत्येंद्र सिंह चौहान डीईआरसी के अध्यक्ष थे, लेकिन उनके पद पर रहते बिजली की दरों को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका। वह चार जुलाई को सेवानिवृत्त हो गए। उनकी जगह जुलाई के अंतिम सप्ताह में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) शबीहुल हसनैन आयोग के नए अध्यक्ष बने हैं। उनके अध्यक्ष बनने के एक माह बाद भी बिजली की दरों पर सहमति नहीं बन सकी है।

रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधियों का आरोप है कि उपभोक्ताओं से भारी भरकम स्थायी शुल्क वसूला जा रहा है। कोरोना संकट के दौर में जब काफी समय तक दुकानें व अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे उस समय भी भारी भरकम बिजली के बिल वसूले गए हैं। कोरोना संकट में कारोबारियों सहित अन्य उपभोक्ताओं को राहत मिलनी चाहिए। भाजपा व कांग्रेस भी स्थायी शुल्क में कमी करने की मांग कर रही है।

नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी का कहना है कि दिल्ली में बिजली चोरी के मामलों में बहुत कमी आई है, लेकिन इसका लाभ उपभोक्ताओं को नहीं मिल रहा है। इसका लाभ देकर बिजली की दरें कम करने की जरूरत है।


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