दिल्ली से चलने वाली चार शताब्दी ट्रेनों में लगेंगे विस्टाडोम कोच, जानिये- इसकी विशेषता
नई दिल्ली से उत्तराखंड और चंडीगढ़ जाने वाली शताब्दी ट्रेनों में यह सुविधा उपलब्ध कराने का तैयारी है। इस बाबत रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि रेलवे बोर्ड के पास चार शताब्दी ट्रेनों में एक-एक विस्टाडोम कोच लगाने का प्रस्ताव भेजा गया है।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। पर्यटन को बढावा देने के लिए अलग-अलग रेल रूट पर विस्टाडोम कोच वाली ट्रेन या फिर किसी ट्रेन में इस तरह के कोच लगाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में नई दिल्ली से उत्तराखंड और चंडीगढ़ जाने वाली शताब्दी ट्रेनों में यह सुविधा उपलब्ध कराने का तैयारी है। इस दिशा में काम शुरू हो गया है। इस बाबत रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि रेलवे बोर्ड के पास चार शताब्दी ट्रेनों में एक-एक विस्टाडोम कोच लगाने का प्रस्ताव भेजा गया है। दिल्ली से उत्तराखंड काफी संख्या में पर्यटक जाते हैं। इसे ध्यान में रखकर देहरादून व काठगोदाम शताब्दी में एक-एक विस्टाडोम कोच लगाए जाएंगे। देहरादून शताब्दी राजाजी नेशनल पार्क होकर और देहरादून शताब्दी उत्तराखंड के पहाड़ों के बीच से होकर गुजरती है। इसी तरह से चंडीगढ़ व कालका शताब्दी का रूट भी मनमोहक है।
गौरतलब है कि वर्ष 2017 में पहली बार इस तरह के कोच शामिल किए गए थे। पहला कोच विशाखापट्टनम-अराकु घाटी मार्ग पर चलने वाली ट्रेन में लगाया गया था। उसके बाद मुंबई-गोवा के बीच जनशताब्दी एक्सप्रेस में इसे लगाया गया। वर्ष 2018 में शिमला-कालका रूट पर इस कोच को लगाया गया था। यात्रियों से अच्छी प्रतिक्रिया मिलने के बाद इस तरह के कोच वाली पूरी ट्रेन की परिचालन शुरू किया गया।
इस कोच की विशेषता
इस कोच की छत में शीशे के पैनल लगे हुए हैं और खिड़कियां भी बड़े आकार की होती जिससे बाहर का नजारा देखा जा सकता है। सीटें 180 डिग्री तक घूम सकती हैं। कोच में एक विशेष लाउंज बनाया गया है जहां खड़े होकर यात्री बाहर का नजारा देख सकते हैं। इसके साथ ही इसमें वाई-फाई, यात्री सूचना प्रणाली, स्वचालित दरवाजे लगे हुए हैं।